नवरात्रि के पर्व के दौरान बोई गयी जौ से भविष्य से संबंधित कुछ बातों के संकेत मिलते हैं। इस दौरान जौ का तेजी से और अच्छी तरह से बढ़ना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि कि नवरात्रि में जैसे-जैसे जौ बढ़ती है घर में मां की कृपा उतनी ही बढ़ती है।
बहराइच शहर के सिविल लाइन विद्युत उपकेंद्र पर विश्कर्मा पूजा के अवसर पर पूजा का कार्यक्रम हुआ आयोजित।
सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर ऑडिटोरियम में आयोजित ‘विश्व-एकता सत्संग’ में बोलते हुए प्रख्यात शिक्षाविद्, सी.एम.एस. की संस्थापिका-निदेशिका एवं बहाई अनुयायी डा. भारती गाँधी ने कहा कि ‘बड़े भाग मानुष तन पावा’ अर्थात मानव जन्म सर्वश्रेष्ठ है
बलरामपुर जरवा भारत नेपाल सीमा को जाने वाली मुख्य मार्ग धोबहा नाला के तट पर नाहन मेले का आयोजन बड़े धूमधाम के साथ प्राम्भ किया गया जहाँ पर प्रातः काल काफी संख्या में लोग कार्तिक पूर्णमा के दिन में स्नान दान किया।
सभी जानते हैं कि कल पूरे देश में दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन सभी मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। सभी जानते हैं कि दीपावली का त्योहार श्रीराम जी, सीता और लक्ष्मण के 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या वापिस लौटने की खुशी में मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में शादी का शुभ कार्य मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न किया जाता है। ज्योतिष की मानें तो शादी में प्रयोग किए गए ये मंत्र सुख, शांति, समृद्धि और विश्व-कल्याण की कामना करते, विवाह के कार्य को सम्पन्न करते हैं। इस अवसर पर हर वर-वधू सदा साथ रहकर खुशहाल जीवन बिताने की कामना करते हैं।
27 जुलाई को सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण दिखाई देगा। ये ग्रहण रात 11.54 बजे से शुरू होकर रात 3.49 बजे खत्म होगा। 3.55 घंटे लंबे इस ग्रहण का सूतक 27 जुलाई की दोपहर 2.54 बजे से ही लग जाएगा। ये ग्रहण अपने आप में काफी खास है क्योंकि ग्रहण वाले दिन गुरु पूर्णिमा भी है
मुस्लिमों का पवित्र महीना रमजान शुरू होने वाला है। रहमत का महीना रमजान 17 मई से शुरू होने जा रहा है। अधिकांश मुस्लिम देशों में 17 मई से रमजान की शुरूआत हो रही है। लोगों ने रमजान की तैयारियां शुरू कर दी है। रमजान शुरू होने से पहले सहरी और अफ्तार के समय भी छापे जा चुके हैं।
शनिदेव के कुप्रभाव से व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन जिन पर शनिदेव की कृपा बनती है उन्हें हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। शनिवार का दिन भगवान शनि को समर्पित है ऐसी मान्यता है
धन की देवी लक्ष्मी जी को पसंद करने की ये 8 आदतें
गुरुवार को क्यों नहीं करने चाहिए ये काम ?
मां दुर्गा के इस पाठ से मिलेगी हर तरफ से उन्नति
गाय की पूजा करने से होते हैं हर दोष दूर
इस मंत्र के केवल उच्चारण से दूर हो जाएंगी सारी मुश्किलें
रोजाना मंदिर जाने से होते है ये हेल्थ बेनिफिट्स
देशभर में बम बम भोले, महाशिवरात्रि पर मची धूम
भारतीयों की पहचान बना नमस्कार केवल एक परंपरा ही नहीं बल्कि इसके कई भौतिक और वैज्ञानिक फायदे भी होते हैं। जिनके बारे में आप में से बहुत कम लोग जानते होंगे। नमस्कार का अर्थ होता है सभी मनुष्यों के हृदय में एक दैवीय चेतना और प्रकाश।
नवरात्रि में चौथे दिन देवी को कूष्माण्डा के रूप में पूजा जाता है। मां का ये रूप बेहद ही शांत, सौम्य और मोहक है। इनकी आठ भुजाएं हैं, इसलिए इन्हें अष्टभुजा देवी भी कहते हैं ।
जानिए शरीर पर तिल होने के फायदे और नुकसान, पीठ पर - प्राय: यात्रा में रहा करे, दाहिने हथेली पर - बलवान हो, बायीं हथेली पर - खूब खर्च करे, दाहिने हाथ की पीठ पर - धनवान हो, बाएं हाथ की पीठ पर - कम खर्च करे, दाहिने पैर में - बुद्धिमान हो, बाएं पैर में - खर्च अधिक हो
भगवान की पूजा हर भारतीय के जीवन का नियमित हिस्सा है और सबसे बड़ी विशेषता यह है कि भारत में प्रकृति भी पूजनीय है।
घर में सुख शांति और समृद्धि के लिए सभी लोग घर में पूजा स्थान बनाते हैं जिसे पूजा घर कहा जाता है। पूजा घर में सही तरीके से पूजा करने के लिए कई चीजें जरूरी होती है।
विदित हो कि शिव जी की सवारी नन्दी है और गाय हमारी माता है, जो हमें अमृत समान दूध देती है। शिव ने विष पीया था, इसलिए उन्हे अमृत भेंट किया गया। यदि अमृत को बचाये रखना है तो गाय की रक्षा करनी होगी। गाय की रक्षा तभी हो सकती थी, जब इसके दिव्य पदार्थ दूध को धर्म से जोड़ दिया जाये।
आपको यहां कुछ ऐसे ही सपनों के बारे में बता रहे हैं जो धन हानि का संकेत देते हैं। इन सपनों के बारे में जानना इसलिए जरुरी है ताकि आप पहले से सजग रहकर नुकसान को कम कर सकें।
वास्तु शास्त्र में रंगों का विशेष महत्व बताया गया है, अगर हर दिन इन रंगों के कपड़े पहनकर कार्य किया जाए तो जीवन के हर कार्य में सफलता मिलती है, आपकी कुंडली के अच्छे-बुरे ग्रह आपके कपड़ों के रंग से भी प्रभावित होते हैं
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को सीता नवमी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन माता सीता का प्राकट्य हुआ था। इसे पर्व को जानकी नवमी भी कहते हैं।
आज हम जानेंगे की भगवान श्री राम कैसे इस लोक को छोड़कर वापस विष्णुलोक गए। भगवान श्री राम के मृत्यु वरण में सबसे बड़ी बाधा उनके प्रिय भक्त हनुमान थे। क्योंकि हनुमान के होते हुए यम की इतनी हिम्मत नहीं थी की वो राम के पास पहुँच चुके।
जिनकी राशि में शनिदेव की ढैया या साढ़ेसाती चल रही हो वे शनिवार के दिन तरह-तरह से उपाय करते हैं कि शनिदेव किसी भी तरह से प्रसन्न हो जाये | हनुमानजी की पूजा से शांत रहते हैं शनिदेव |
भगवान शिव-पार्वती की शादी कि साक्षी अग्नि आज भी जल रही है !
मुसलमानों को नहीं मिलेगी रमजान के लिए जगह
भगवान बुद्ध की ये 5 बातें संवर जाएगी जिंदगी