
साथी वकील श्रवण कुमार की हत्या से भड़के वकीलों ने बुधवार को लखनऊ में हाईकोर्ट के आस-पास छह घंटे तक जमकर बवाल किया। उपद्रवी वकीलों ने दो रोडवेज बसों समेत तीन सरकारी व दो निजी कारें तथा 10 बाइकें फूंक दीं। 35 सरकारी व 20 निजी कारों के शीशे तोड़ डाले।हाईकोर्ट और स्वास्थ्य भवन के आसपास से गुजर रहे वाहनों में तोड़फोड की। राहगीरों को लोहे की रॉड, डंडे व सरिया से जमकर पीटा। उपद्रवी वकीलों ने स्वास्थ्य भवन में भी तोड़फोड़ की। कर्मचारियों ने विरोध किया तो उन्हें पीट दिया।वकीलों ने कार्यालय में घुसने की कोशिश की तो कर्मचारियों ने दरवाजे भीतर से बंद कर लिए। उपद्रवियों ने कार्यालय की खिड़कियों के शीशे तोड़कर भीतर पेट्रोल बम फेंके, जिससे कंप्यूटर व फाइलें जल गईं। वकीलों ने हाईकोर्ट चौराहा और सीडीआरआई तिराहा पर स्थित ट्रैफिक बूथ व एक बस स्टॉप में आग लगा दी।कर्मचारियों ने छत पर चढ़कर पथराव किया तो उपद्रवियों ने कैंटीन में रखी कोल्डड्रिंक की बोतल उन पर फेंकी। भगदड़, दहशत और घुएं की घुटन से आठ महिलाएं व बुजुर्ग बेहोश होकर गिर पड़े।हाईकोर्ट चौराहा और सीडीआरआई तिराहा पर स्थित ट्रैफिक बूथ व एक बस स्टॉप में आग लगा दी। इस दौरान पुलिसकर्मियों से भी कई चक्र में मारपीट और पथराव हुआ जिसमें दोनों तरफ से 50 से अधिक लोग चोटिल हुए हैं। उपद्रवी वकीलों ने मीडियाकर्मियों को भी नहीं बख्शा।कवरेज कर रहे पत्रकारों से मारपीट करने के अलावा उनके कैमरे तोड़ डाले। करीब छह घंटे तक चले तांडव के दौरान पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मूक दर्शक बनकर खड़े रहे। उपद्रव के दौरान अदालतों में कामकाज ठप रहा।वकीलों के एक गुट ने सीडीआरआई तिराहा से शहीद स्मारक की तरफ जा रहे दो रोडवेज बसों को स्वास्थ्य भवन के पिछले गेट पर रुकवा लिया। वकील बसों में तोड़फोड़ करने लगे तो भीतर बैठी सवारियों में चीख-पुकार मच गई। महिलाएं बच्चों को लेकर बाहर भागीं।
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