लखनऊ : स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने अयोध्या के राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले में आज सभी आरोपियों को 30 मई को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है। जिसमे BJP के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी समेत 13 आरोपी हैं, जिन्हें 30 मई की सुनवाई पर कोर्ट में मौजूद होना जरुरी है। इन सभी नेताओं के खिलाफ 1992 में अयोध्या में बाबरी ढांचा को गिराने के मामले में शामिल होने के आरोप है।
अदालत ने कहा हैं कि लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत 30 मई को अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराए जाने की साजिश को लेकर आरोप तय करेगी तब ये सारे नेता वहां मौजूद रहे। इस मामले से जुड़े 5 आरोपियों शिवसेना नेता सतीश प्रधान, महंत नृत्य गोपाल दास, रामविलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा, चंपत राय की आज पेशी होनी थी, लेकिन इनमें से केवल सतीश प्रधान ही कोर्ट में हाजिर हुए। इसी मामले में स्पेशल अदालत ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले की रोजाना सुनवाई 20 मई से शुरू की और 5 विहिप नेताओं को जमानत दे दी। रामविलास वेदांती ने कोर्ट में अपना गुनाह कबूलते हुए कहा था कि उन्ही के कहने पर कार सेवकों ने विवादित ढांचे को गिरा दिया था। वेदांती ने कहा था कि अगर राम मंदिर के लिए उन्हें फांसी पर भी चढ़ना पड़े तो वे तैयार हैं।
19 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि एक महीने के अंदर मामले की सुनवाई शुरू कर इसे जल्द निपटाएं। अदालत ने 2 साल के अंदर सुनवाई की समय-सीमा भी तय की है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस दौरान ट्रायल जज का तबादला न करने का भी आदेश जारी कर 13 लोगों पर आपराधिक साजिश रचने का मुकदमा चलाने को कहा था।
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