होम किसी भी सभ्य समाज के लिए बाल श्रम एक बहुत बड़ा अभिशाप है। : स्वामी प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश

किसी भी सभ्य समाज के लिए बाल श्रम एक बहुत बड़ा अभिशाप है। : स्वामी प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हमारा सामाजिक परिवेश ऐसा होना चाहिए कि बच्चों के अभिभावक और सेवायोजक दोनों बाल श्रम के विरोध में खड़े होकर बाल मजदूरी को रोकने का पूर्ण संकल्प लें।

 किसी भी सभ्य समाज के लिए बाल श्रम एक बहुत बड़ा अभिशाप है। : स्वामी प्रसाद मौर्य

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हमारा सामाजिक परिवेश ऐसा होना चाहिए कि बच्चों के अभिभावक और सेवायोजक दोनों बाल श्रम के विरोध में खड़े होकर बाल मजदूरी को रोकने का पूर्ण संकल्प लें। किसी भी सभ्य समाज के लिए बाल श्रम एक अभिशाप है। बड़े पैमाने पर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में, चाय-पंक्चर की दुकानें, होटल से लेकर बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों में बाल श्रमिक मौजूद हैं। इसे रोकना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। आपको बता दे कि श्री मौर्य आज यहां अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम विरोध दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि थे।उन्होंने कहा कि बेशक बाल श्रम के लिए गरीबी, अशिक्षा, अज्ञानता जिम्मेदार है फिर भी हम जनकल्याण संगोष्ठी के माध्यम से जनजागरूकता कार्यक्रम का अभियान चलाकर इस अभिशाप से प्रदेश को मुक्त करा सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि खेलने-कूदने की उम्र में बच्चों से कड़ी मेहनत लेना, श्रमदान कराना, देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और क्रूर मजाक भी। बाल श्रम से हम इनका बचपन ही नहीं छीनते बल्कि इनका शारीरिक और मानसिक विकास भी रोकते हैं और ऐसा करके हम न केवल कानूनी जुर्म करते हैं बल्कि नैतिक अपराध भी करते हैं।

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