नई दिल्ली : हाईकोर्ट ने CBSE (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन) से कहा है कि वह यह तय करे कि उससे जुड़े स्कूल कॉमर्शियल एक्टिविटीज में शामिल न हों।एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस अनु मल्होत्रा की बेंच ने मंगलवार को साफ़- साफ़ कह दिया कि , "बोर्ड ये देखे कि स्कूल्स अपने कैम्पस में किताब,कॉपी और यूनिफॉर्म न बेच सकें।" आपको बता दें कि सीबीएसई ने हाल ही में इस बारे में स्कूलों को एक सर्कुलर जारी कर ऐसा करने से मना किया था।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक हाईकोर्ट ने सीबीएसई की तरफ से जारी सर्कुलर को अपनी नोटिस में लेते हुए कहा, "हम सीबीएसई को इस निर्देश के साथ रिट पिटीशन का निपटारा कर रहे हैं कि वह यह तय करेगी कि उसके सुर्कलर का स्कूलों द्वारा कानून के मुताबिक सख्ती से पालन किया जाएगा।"
बेंच ने यह टिप्पणी बोर्ड की तरफ से पेश वकील के उस तर्क के बाद की, जिसमें उन्होंने कहा कि इस मामले में 19 अप्रैल को एक सर्कुलर जारी किया गया था।
सोशल वर्कर सुनील पोखरियाल ने इस मामले में PIL दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की।पिटिशनर ने मांग की थी कि कोर्ट स्कूलों को आदेश दे कि वे अपनी इमारत का इस्तेमाल कॉमर्शियल एक्टिविटीज जैसे किताबें और यूनिफॉर्म्स बेचने में न करें।इस पिटीशन का सीबीएसई ने यह कहते हुए विरोध किया कि ये जनता के हित में नहीं है। इसमें पिटिशनर का खुद का हित है।
बोर्ड के वकील की इस दलील पर हाईकोर्ट बेंच ने कहा, "पिटिशनर का अपना हित हो सकता है, लेकिन हम इसे जनता के हित में देख रहे हैं, खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों और उनके मां-बाप के हित में।"
सीबीएसई ने 19 अप्रैल को अपने से जुड़े स्कूलों को एक सर्कुलर जारी किया था। उसमें बोर्ड ने कहा था कि स्कूल किताब, कॉपी, ड्रेस और बैग बेचने का धंधा न करें। अगर उन्होंने ऐसा किया तो यह नॉर्म्स का वॉयलेशन होगा। बोर्ड ने ये एडवाइजरी पैरेंट्स की तरफ से शिकायत मिलने के बाद जारी की थी।
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