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समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आज कहा कि वह कार्यकर्ताआें के बीच ज्यादा समय बिताने और गलत काम करने पर सरकार की ‘नकेल’ कसने के लिए ही वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव के बाद खुद मुख्यमंत्री बनने के बजाए अपने पुत्र अखिलेश यादव को सत्ता सौंप दी। यादव ने यहां ‘समाजवादी युवा सम्मेलन’ में कहा कि वर्ष 2012 में जब सपा प्रचंड बहुमत में आई और उन्होंने खुद सत्ता सम्भालने के बजाए अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया तब करीब 15 दिन तक पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता निराश दिखे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘वरिष्ठ नेताआें और कार्यकर्ताआें ने हमसे कहा कि हमने तो चुनाव में आपके नाम पर वोट मांगे थे। सोचा था कि आप ही मुख्यमंत्री बनेंगे। इस पर हमने कहा कि ताकि आपके साथ ज्यादा समय बिता सकें और अगर सरकार कुछ गलत करेगी तो उस पर नकेल कर सकें।’’ सपा मुखिया ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद नहीं थी कि सरकार इतना अच्छा काम करेंगे। उन्होंने हमारा घोषणापत्र उठाया और उस पर अमल शुरू किया।’’
यादव ने गौतमबुद्धनगर के बिसाहड़ा में गोमांस खाने के आरोप में भीड़ द्वारा अखलाक नामक व्यक्ति की हत्या का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘जिसका लड़का फौज में सीमा पर था, फायरिंग का मुकाबला कर रहा था, उसके बाप की हत्या कर दी गई। हत्या करने वाले कौन थे..... मैंने तीन नाम लिए, तीनों नाम भाजपा से सम्बन्धित थे। हमने कहा कि अगर प्रधानमंत्री कह दें तो हम तीनों नाम भी बता देंगे।’’
सपा प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे किए गए थे लेकिन उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ। सीमाआें से चीन का कब्जा हटाने की बात कही गई थी लेकिन प्रधानमंत्री जब चीन के प्रधानमंत्री से हाथ मिला रहे थे, तभी उनकी सेना भारतीय सीमा में घुस रही थी।
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