बेंगलुरू : ओम (ॐ) केवल पूजा का मंत्र नहीं बल्कि ये तन-मन को सुख देनी वाली अलौकिक दवा है जिसका प्रयोग हम योग साधना में भी करते हैं। बिना ओम (ॐ) के सृष्टि की कल्पना भी नहीं हो सकती है। कहा जाता है कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्डसे सदा ॐ की ध्वनी निकलती है।(ॐ) शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है - अ उ म। अ का मतलब होता है उत्पन्न होना उ का मतलब होता है उठना यानी विकास और म का मतलब होता है मौन हो जाना यानी कि ब्रह्मलीन हो जाना।
ॐ और थायरॉयड : ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो कि थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
ॐ और नींद : नींद ना आने की समस्या इससे कुछ समय में ही दूर हो जाती है। इसलिए बेड पर जाते ही इंसान को ॐ का उच्चारण करना चाहिए।
ॐ और घबराहट : अगर आपको घबराहट महसूस होती है तो आप आंखें बंद करके 5 बार गहरी सांसे लेते हुए ॐ का उच्चारण करें।
ॐ और तनाव : यह शरीर के विषैले तत्वों को दूर करता है इसलिए तनाव को दूर करता है।
ॐ और खून का प्रवाह : यह हार्ट को चुस्त-दुरूस्त रखता है और खून का प्रवाह अच्छा करता है।
ॐ और थकान : थकान को मिटाने के लिए इससे अच्छा उपाय कोई नहीं।
ॐ और फेफड़े : इसके उच्चारण से फेफड़े दुरूस्त होते हैं।
ॐ और पाचन : इसके उच्चारण से पाचन शक्ति बढ़िया होती है।
ॐ और स्फूर्ति : यह शरीर में युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार करता
ॐ और रीढ़ की हड्डी : ऊं के उच्चारण से कंपन पैदा होता है जो रीढ़ की हड्डी को मजबूती प्रदान करता है।
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