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अब वो दिन दूर नहीं जब पुरुषों की जगह सारे काम करेंगे रोबोट

रोबोट को लेकर आपने कई प्रकार की खबरें पढी होगी। वैज्ञानिकों ने रोबोट को लेकर एक खुलासा किया है। अमेरिका के शिकागो में वैज्ञानिकों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को लेकर उम्मीद जताई है कि साल 2029 तक रोबोट इंसान से भी ज्यादा स्मार्ट हो जाएंगे।

अब वो दिन दूर नहीं जब पुरुषों की जगह सारे काम करेंगे रोबोट

रोबोट को लेकर आपने कई प्रकार की खबरें पढी होगी। वैज्ञानिकों ने रोबोट को लेकर एक खुलासा किया है।  अमेरिका के शिकागो में वैज्ञानिकों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को लेकर उम्मीद जताई है कि साल 2029 तक रोबोट इंसान से भी ज्यादा स्मार्ट हो जाएंगे। आपको बता दें कि इससे पहले वैज्ञानिकों ने 2040 तक मनुष्य से रोबोट के ज्यादा स्मार्ट होने का अनुमान लगाया था। एचपी इंक के शीर्ष वैज्ञानिक ने यह बात कही। 

एचपी के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी और एचपी लैब के प्रमुख शेन वॉल ने कहा कि एआई और मशीन लर्निग में तेजी से विकास हो रहा है, इसे देखते हुए वैज्ञानिकों का अनुमान है कि साल 2029 तक रोबोट मनुष्यों से ज्यादा समझदार हो जाएंगे। वॉल ने एचपी रिइंवेंट पार्टनर फोरम में कहा कि हालांकि कई लोग ऐसा होने को लेकर डर रहे हैं, लेकिन उचित सावधानी के साथ किए गए इस बदलाव से हर किसी को फायदा होगा, चाहे वह विनिर्माण हो, स्वास्थ्य हो या फिर नवाचार हो। स्मार्ट रोबोट विकसित होने से हर किसी का फायदा होगा। 

उन्होंने कहा कि एआई भारी मात्रा में डाटा का प्रबंधन करता है और निर्णय लेने के लिए पैटर्न को देख सकता है। उनके अनुसार पहले ही बड़े पैमाने पर डाटा फर्म हैं, जो बड़ी संख्या में डाटा का इस्तेमाल कर रहे हैं और यहां शोध केंद्र और कंपनियां हैं, जहां मशीनों को यह सिखाया जाता है कि हमारे आसपास की चीजों के प्रबंधन के लिए डाटा का इस्तेमाल कैसे किया जाए। 

वॉल करीब एक दशक पहले एचपी में शामिल हुए थे, वे कंपनी की प्रौद्योगिकी दृष्टि और रणनीति का संचालन करते हैं। उनके मुताबिक, मशीनें इतनी स्मार्ट हो चुकी हैं कि गलती का अनुमान लगा सकती हैं। इसी दिशा में 3डी प्रिटिंग में एक व्यापक क्रांति हुई है। वॉल ने कहा, 3डी प्रिटिंग अब जटिल उत्पादों को संभाल रही है और भविष्य में व्यापक बदलाव लाने वाली है। 

शोधकर्ताओँ का कहना है कि मर्द की जगह रोबोट उनको शारीरिक और मानसिक रूप से संतुष्ट करने में सक्षम होगा।
आईटी में इस इन्नोवेटिव रोबोट को बनाने में लगे  शोधकर्ताओँ का कहना है कि जिस तरह आज की महिलाएँ बिंदास होकर कम्प्यूटर पर एडल्ट मूवी देखती हैं ठीक उसी तरह आज से कुछ सालों बाद रोबोफीलिया इतना बढ़ जायेगा कि वो बेड पर भी किसी मर्द की बजाए रोबोट के साथ रात बितायेंगी। आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के इस उपयोग पर समाजविज्ञानियों की भौंहे टेढ़ी होने लगी हैं। उनका कहना है सरकारों को रोबोट के इस उपयोग को नियंत्रित करना चाहिए। कम से कम औरत मर्द के बीच में रोबोट नहीं आना चाहिए। 

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