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320 साल बाद बना पंचग्रही योग में खग्रास सूर्यग्रहण

भारतीय राजधानी नई दिल्ली बुधवार दिनांक 09.03.16 प्रातः 06:04 मिनट पर पर 321 वर्ष के बाद फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या कुंभ राशि में पंचग्रही योग में सूर्यग्रहण लगा। देश के पश्चिमोत्तर भाग को छोड़ कर यह ग्रहण सम्पूर्ण भारत में दिखाई दिया। इस ग्रहण की खास विशेषता यह रही की कुम्भ राशि

320 साल बाद बना पंचग्रही योग में खग्रास सूर्यग्रहण

भारतीय राजधानी नई दिल्ली बुधवार दिनांक 09.03.16 प्रातः 06:04 मिनट पर पर 321 वर्ष के बाद फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या कुंभ राशि में पंचग्रही योग में सूर्यग्रहण लगा। देश के पश्चिमोत्तर भाग को छोड़ कर यह ग्रहण सम्पूर्ण भारत में दिखाई दिया। इस ग्रहण की खास विशेषता यह रही की कुम्भ राशि में सूर्य, केतू, बुध, चंद्रमा के साथ शुक्र भी इस ग्रहण की चपेट में आ गायें। यह साल 2016 का पहला खग्रास सूर्यग्रहण था। यह ग्रहण पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में साध्य योग व कुंभ राशि में स्थित चंद्र के साथ घटित होगा। आज आकाश में 5 ग्रह केतु, बुध, सूर्य, शुक्र और चंद्र साथ हैं। सिंहस्थ के पहले पंचग्रही योग में पड़ रहा सूर्य ग्रहण अशुभ फलदायी होगा। सभी ग्रहों पर शनि युक्त मंगल की दृष्टि भी है।

इस के साथ-साथ बुधवार दिनांक 23.03.16 को चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। चंद्र ग्रहण शाम 03 बजकर 11 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 24 मिनट तक रहेगा अर्थात इसका असर 4 घंटे 15 मिनट का होगा। आज बुधवार दिनांक 09.03.16 को पड़े सूर्य ग्रहण का सूतक मंगलवार दिनांक 08.03.16 को शाम 5.45 बजे लग गया था। इसके चलते कई मंदिरों में शाम को दर्शन-पूजन व आरती भी नहीं हुई थी। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण का स्पर्श बुधवार दिनांक 09.03.16 प्रातः 5.45 बजे तथा इसका मध्यकाल प्रातः 7 बजकर 27 मिनट पर रहा तथा इसका मोक्ष प्रातः 9 बजकर 08 मिनट पर हो गया है। देश के बड़े-बड़े पंडितों की माने तो कुंभ राशि में केतु, बुध, सूर्य, शुक्र और चंद्र रहेंगे।

सूर्यग्रहण के कारण 12 घंटे पहले लगने वाले सूतक के कारण शाम से मंदिरों के कपाट बंद हो गए थे। सूर्य ग्रहण पर 320 साल बाद कुंभ राशि पर पंचग्रही महायोग का बना दुर्लभ संयोग जहां कुछ राशि वालों के लिए फायदेमंद होगा वहीं कुछ के लिए कष्टदायी होगा। तंत्र-मंत्र की सिद्धि करने वालों के लिए यह दिन सर्वोत्तम हैं। कुंभ राशि में बने इस ग्रहण के कारण लोगों को मानसिक और शारीरिक कष्ट, पीढ़ा और दुर्भाग्य का सामना भी करना पड़ सकता है। यह ग्रहण पूरे विश्व की अर्थ व्यवस्था के लिए भी अशुभता का सूचक है। इस ग्रहण के कारण राजनीति और प्रशासन के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित होगा। यह ग्रहण भारत के लिए भी बड़े अशुभ का सूचक है जिससे आतंकवादी घटना और राजनैतिक अस्थिरता भी उत्पन्न होगी।

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