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सामाजिक क्षेत्रों में विकास के साथ-साथ नैतिक व चारित्रिक रूप से भी महान बनें- डा. जगदीश गाँधी

सामाजिक क्षेत्रों में विकास के साथ-साथ नैतिक व चारित्रिक रूप से भी महान बनें- डा. जगदीश गाँधी

सामाजिक क्षेत्रों में विकास के साथ-साथ नैतिक व चारित्रिक रूप से भी महान बनें- डा. जगदीश गाँधी

लखनऊ, 18 मार्च। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज (द्वितीय कैम्पस) एवं अशर्फाबाद कैम्पस द्वारा आयोजित ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ में विद्यालय के छात्रों ने अपनी बाल सुलभ प्रतिभा से दर्शकों का दिल जीत लिया एवं बच्चों की बहुमुखी प्रतिभा देखकर अभिभावक गद्गद् हो उठे। जहाँ एक ओर सी.एम.एस. अलीगंज (द्वितीय कैम्पस) द्वारा ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का आयोजन सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) आॅडिटोरियम में सम्पन्न हुआ तो वहीं दूसरी ओर सी.एम.एस. अशर्फाबाद कैम्पस द्वारा विद्यालय परिसर में ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का आयोजन किया गया। दोनों समारोहों में विद्यालय के छात्रों ने ईश्वर भक्ति से परिपूर्ण अपने गीत-संगीत के माध्यम से ईश्वरीय एकता का ऐसा आलोक बिखेरा कि दर्शक व अभिभावक मंत्रमुग्ध हो गये। विद्यालय के छात्रों ने अपने अभिभावकों के समक्ष न सिर्फ अपने ज्ञान का अपितु विद्यालय द्वारा प्रदान की जा रही नैतिक व आध्यात्मिक शिक्षा से परिपूर्ण ज्ञान का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में सर्वोच्चता अर्जित करने वाले छात्रों व वार्षिक परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को भी पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया।

            सी.एम.एस. अलीगंज (द्वितीय कैम्पस) द्वारा आयोजित ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का शुभारम्भ सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए डा. गाँधी ने कहा कि आज का बालक एक वैज्ञानिक युग में जी रहा है। विज्ञान की तेज प्रगति व विश्वव्यापी सोच ने प्रत्येक बालक में कुछ नया कर दिखाने का जज्बा भर दिया है। उन्होंने छात्रों का आहवान किया कि वे उत्कृष्टता के लिए पूरा प्रयास करें और भौतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में विकास के साथ-साथ नैतिक व चारित्रिक रूप से भी महान बनें। डा. गाँधी ने सुझाव दिया कि अभिभावकों एवं शिक्षकों को स्वयं अच्छा बनकर बालकों को अच्छा बनने का वातावरण प्रदान करना चाहिए। सी.एम.एस. अलीगंज (द्वितीय कैम्पस) की प्रधानाचार्या श्रीमती शिवानी सिंह ने इस अवसर पर कहा कि उद्देश्यपूर्ण शिक्षा का मनुष्य के ऊपर व्यापक प्रभाव होता है। सी.एम.एस. बालकों को समाजोपयोगी ज्ञान को अर्जित करने के लिए बालक को प्रेरित करता है तथापि उनके दृष्टिकोण को व्यापक बनाता है।

            इसके अलावा, सी.एम.एस. अशर्फाबाद कैम्पस द्वारा ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का आयोजन विद्यालय परिसर में किया गया तथापि रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच विद्यालय के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अपने संबोधन में सी.एम.एस. अशर्फाबाद कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती तृप्ति द्विवेदी ने कहा कि सी.एम.एस. अपने छात्रों का सर्वांगीण विकास कर ‘टोटल क्वालिटी पर्सन’ बनाने को दृढ़-संकल्पित है तथा इसी उद्देश्य को लेकर यह आध्यात्मिक शिक्षा सम्मेलन आयोजित किया गया है। समाज के नव निर्माण हेतु बच्चों को भौतिक, सामाजिक तथा नैतिक तीनों प्रकार की उद्देश्यपूर्ण शिक्षा देना आवश्यक है। श्रीमती द्विवेदी ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य बालक के अंदर छिपी शक्तियों तथा क्षमताओं को विकसित करना है।

 

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