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अन्तर्राष्ट्रीय न्यायाधीश सम्मेलन’ में प्रतिभाग कर  स्वदेश लौटे डा. जगदीश गाँधी का भव्य स्वागत

अन्तर्राष्ट्रीय न्यायाधीश सम्मेलन’ में प्रतिभाग कर  स्वदेश लौटे डा. जगदीश गाँधी का भव्य स्वागत

अन्तर्राष्ट्रीय न्यायाधीश सम्मेलन’ में प्रतिभाग कर  स्वदेश लौटे डा. जगदीश गाँधी का भव्य स्वागत

लखनऊ, 14 जून। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी का अंगोला से स्वदेश लौटने पर सी.एम.एस. शिक्षकों व कार्यकर्ताओं ने अमौसी एअरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया। डा. गाँधी ‘अफ्रीका के संवैधानिक न्यायालयों के 5वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ बतौर विशिष्ट अतिथि प्रतिभाग हेतु अंगोला की राजधानी लुआंडा गये थे, जहाँ उन्होंने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में विभिन्न अफ्रीकी देशों से पधारे मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों व न्यायविद्ों को सम्बोधित किया। इस अवसर पर अंगोला के राष्ट्रपति महामहिम जाओ लारेन्को, साउथ अफ्रीका के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति मोगोंग मोगोंग, अफ्रीकन यूनियन की प्रतिनिधि एवं राजनीतिक मामलों की कमिश्नर श्रीमती मिनाटा समाटे आदि विभिन्न हस्तियों ने अपनी उपस्थित दर्ज कराई। अंगोला के संवैधानिक न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डा. मैनुएल डाकोस्टा अरागो ने इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन प्रतिभाग हेतु डा. जगदीश गाँधी को विशेष रूप से आमन्त्रित किया था। सी.एम.एस. द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किये जाने वाले अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के प्रोजेक्ट लीडर श्री संदीप श्रीवास्तव भी डा. गाँधी के साथ अंगोला गये थे।

            स्वदेश वापसी पर एक अनौपचारिक वार्ता में डा. गाँधी ने कहा कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से विश्व एकता व विश्व शान्ति के विचारों को प्रभावी तरीके से विश्व समाज के समक्ष रखने का अवसर उपलब्ध हुआ, जो आगे चलकर विश्व के ढाई अरब बच्चों व आने वाली पीढ़ियों के लिए ऐसा वातावरण तैयार करने में मददगार होगा जहाँ भावी पीढ़ी एकता, शान्ति, सहयोग व सौहार्द के वातावरण में फल-फूल सके। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में

डा. गाँधी ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ एवं भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की संस्कृति पर विचार रखते हुए  विश्व के न्यायविद्ों का आह्वान किया कि जब तक विश्व समुदाय में एकता, समानता व शान्ति का वातावरण नहीं बनेगा, तब तक भावी पीढ़ी का भविष्य भी सुरक्षित नहीं है।

            डा. गाँधी ने आगे बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान अफ्रीकी देशों के कई मुख्य न्यायाधीशों व न्यायाधीशों जैसे मिस्र के न्यायाधीश जस्टिस न्यायमूर्ति आदेल ओमर शेरीफ, गिनी बिस्सो के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पाउलो सान्हा, सोमालिया के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री बासे यूसुफ अहमद, बुरूण्डी के कान्स्टीट्यूशनल के प्रेसीडेन्ट, न्यायमूर्ति चार्ल्स दगीजीमान आदि से मुलाकात हुई, जिन्होंने सी.एम.एस. द्वारा विगत 19 वर्षों से लगातार आयोजित किये जा रहे अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन पर विस्तार से जानकारी प्राप्त की और विश्व एकता, विश्व शान्ति व भावी पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य हेतु इस पुनीत कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

सी.एम.एस. द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित इन अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में अब तक 133 देशों के 1222 से अधिक मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश तथा शासनाध्यक्ष प्रतिभाग कर चुके हैं तथावि विश्व की न्यायिक बिरादरी ने सी.एम.एस. की विश्व एकता, विश्व शान्ति व विश्व के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य की मुहिम को भारी समर्थन दिया है।

            सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि विश्व एकता व विश्व शान्ति के प्रबल समर्थक डा. जगदीश गाँधी की यह यात्रा कई मायनों में अभूतपूर्व रही है। इस यात्रा से डा. गाँधी के विश्व एकता के प्रयासों को एक नया आयाम मिला है एवं सारे विश्व में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ को विचार को मान्यता मिली है।

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