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अखबार के 300 कॉपी छापकर सरकार से लेता था 30 लाख का सरकारी ऐड

बिहार के मुजफ्फरपुर के चर्चित बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड के मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर के रोज नए कारनामों का खुलासा हो रहा है. अब उसके द्वारा चलाए जा रहे डेली अखबार प्रात: कमल को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है

अखबार के 300 कॉपी छापकर सरकार से लेता था 30 लाख का सरकारी ऐड

बिहार के मुजफ्फरपुर के चर्चित बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड के मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर के रोज नए कारनामों का खुलासा हो रहा है. अब उसके द्वारा चलाए जा रहे डेली अखबार प्रात: कमल को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. ब्रजेश ठाकुर अपने  अखबार के नाम पर धांधली कर सरकार से पैसे ऐंठता था I

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, ब्रजेश ठाकुर हर रोज अपने अखबार प्रात: कमल की सिर्फ 300 प्रतियां ही छपवाता था लेकिन वह आंकड़ों में 60 हजार प्रतियां दिखाता था. सूत्रों का कहना है कि वह इतनी बड़ी संख्या दिखाकर बिहार सरकार से हर महीने 30 लाख रुपये ऐंठता था I

ब्रजेश ठाकुर नियमों की अनदेखी करके बालिका गृह का संचालन बिना रोकटोक चला रहा था उसे कई तरीकों से सरकारी फंड मिल रहा था. उसकी पैठ सियासी गलियारों से लेकर ब्यूरोक्रेसी के कॉरिडोर तक थी. वह हिंदी अखबार प्रातः कमल के अलावा उर्दू अखबार हालात-ए-बिहार और अंग्रेजी दैनिक न्यूज नेक्स्ट भी चलाता था. इसका दफ्तर बालिका गृह के प्रांगण में ही है I

उसकी पहुंच का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टिस की रिपोर्ट के बाद उसके एनजीओ को ब्लैकलिस्ट तो कर दिया गया था, इसके बावजूद उसे भिखारियों के लिए आवास बनाने के वास्ते हर महीने 1 लाख रुपये का प्रोजेक्ट दिया गया था. हालांकि, बाद में इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया गया I

यहां तक कि साल 2013 में ही उसके एनजीओ को लेकर समाज कल्याण विभाग को नकारात्मक रिपोर्ट भेजी गई थी, इसके बावजूद उसके एनजीओ को हर साल निर्बाध रूप से फंड मिलता रहा. पटना दफ्तर में एनजीओ को लेकर नकारात्मक रिपोर्ट दी गई थी क्योंकि बालिका गृह सघन आबादी वाले इलाके में स्थित था और उसकी सीढ़ियां भी बेहद संकरी थी I

उसके अखबार प्रातः कमल का दफ्तर भी उसी प्रांगण में था, जो नहीं होना चाहिए था. साहू रोड में स्थित बालिका गृह के अलावा ब्रजेश ठाकुर 4 और NGO चलाता था जिसके लिए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से हर साल 1 करोड़ रुपये दिए जाते थे. ब्रजेश ठाकुर के अखबारों का प्रसार तो वैसे बहुत कम था, लेकिन सरकारी विज्ञापन नियमित मिलते थे I

उसके अखबार प्रातः कमल, हालात-ए-बिहार और न्यूज नेक्स्ट के कम से कम 9 पत्रकारों को एक्रेडिटेशन कार्ड मिला हुआ है. यहां तक कि प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो के एक्रेडिटेड पत्रकारों में ब्रजेश ठाकुर का नाम शामिल है I

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