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17 मई से शुरू रमजान, जाने इससे जुडी कुछ खास बातें

मुस्लिमों का पवित्र महीना रमजान शुरू होने वाला है। रहमत का महीना रमजान 17 मई से शुरू होने जा रहा है। अधिकांश मुस्लिम देशों में 17 मई से रमजान की शुरूआत हो रही है। लोगों ने रमजान की तैयारियां शुरू कर दी है। रमजान शुरू होने से पहले सहरी और अफ्तार के समय भी छापे जा चुके हैं।

17 मई से शुरू रमजान, जाने इससे जुडी कुछ खास बातें

मुस्लिमों का पवित्र महीना रमजान शुरू होने वाला है। रहमत का महीना रमजान 17 मई से शुरू होने जा रहा है। अधिकांश मुस्लिम देशों में 17 मई से रमजान की शुरूआत हो रही है। लोगों ने रमजान की तैयारियां शुरू कर दी है। रमजान शुरू होने से पहले सहरी और अफ्तार के समय भी छापे जा चुके हैं। इस टाइम टेबल के मुताबिक इस साल सबसे लंबा रोजा 15 घंटे का पड़ने वाला है। आइए रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत से पहले उसके संबंधित कुछ खास बातें जानते हैं।

30 दिनों के रोजे के बाद 15 जून को ईद मनाई जाएगी। हालांकि ये तारीख आगे पीछे हो सकती है। इस साल रोजे में 5 जुमे पड़ने वाले हैं। पहला जुमा 18 मई को पड़ेगा जबकि 15 जून आखिरी जुमा पड़ेगा, जो अलविदा जुमा होगा।

बता दें कि अगर 16 मई की रात चांद दिखता है तो मस्जिदों में तरावी की नमाज अदा कर रमजान शुरू होने की घोषणा होगी। चांद नहीं दिखा तो 17 मई से रोजे शुरू हो जाएंगे। चांद के आधार पर इस दिन की शुरुआत एक-दो दिन आगे-पीछे हो सकती है।

रमजान के महीने में मुस्लिम समाज के लोग 30 दिनों तक रोजा रखते हैं. सुबह सूर्य उगने से पहले सहरी खाते हैं और सूर्य ढलने के बाद इफ्तार खाते हैं. इस बीच वह ना तो कुछ खा सकते हैं और ना ही कुछ पी सकते हैं. दिन का पहला आहार लेने के बाद सुबह-सुबह नमाज पढ़ी जाती है I

रमजान से जुड़े कुछ खास नियम :-

  • रोजे के दौरान सिर्फ भूखे-प्यासे ही न रहें बल्कि आंख, कान और जीभ का भी गलत इस्तेमाल न करें यानी न बुरा देखें, न बुरा सुने और न ही बुरा कहें।
  • हर मुसलमान के लिए जरूरी है कि वह रोजे के दौरान सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच के समय में खान-पान न करें। 
  • रोजे की सबसे अहम परंपराओं में सेहरी बहुत लोकप्रिय है। सेहरी शब्द सहर से बना है, जिसका शाब्दिक मतलब सुबह होता है। नियम है कि सूर्य के उदय होने से पहले उठकर रोजेदार सेहरी करते हैं। इसमें वह खाने और पीने योग्य पदार्थ लेते हैं। सेहरी करने के बाद सूर्य अस्त होने तक खान-पान छोड़ दिया जाता है। इसके साथ-साथ मानसिक आचरण भी शुद्ध रखते हुए पांच बार की नमाज और कुरान पढ़ी जाती है। सूर्यास्त के समय इफ्तार की परंपरा है। 
  • इस्लाम में बताए नियमों के अनुसार पांच बातें करने पर रोजा टूट जाता है- पहली झूठ बोलना, दूसरी बदनामी करना, तीसरी किसी के पीछे बुराई करना चौथी झूठी कसम खाना और पांचवीं लालच करना।

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