नई दिल्ली : भारत सरकार ने नेताजी से जुड़े तमाम दस्तावेजों को सार्वजनिक किया और उसमें इस बात की पुष्टि की गई है कि नेताजी की मृत्यु हवाई दुर्घटना में हुई थी, उसके बाद माना जा रहा था कि यह विवाद अब खत्म हो गया है। फ्रांस की एक खुफिया रिपोर्ट ने दावा किया है कि नेताजी की मौत प्लेन क्रैश में नहीं हुई थी, पेरिस के इतिहासकार जेबीपी मूर का दावा है कि नेताजी की मौत प्लेन क्रैश में नहीं हुई है। मूर का कहना है कि नेताजी की मौत ताइवान के प्लेन क्रैश में नहीं हुई है, बल्कि नेताजी के ठिकाने के बारे में दिसंबर 1947 तक पता नहीं था। मूर के दावे के बाद एक बार फिर से यह साफ हो जाता है कि फ्रांस नेताजी के प्लेन क्रैश में 18 अगस्त 1945 में मारे जाने के दावे को मानने को तैयार नहीं है। आपको बता दें कि मूर पेरिस के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानमें प्रोफेसर हैं।
मूर का कहना है कि फ्रांस की खुफिया विभाग का मानना है कि बोस 18 अगस्त 1947 में प्लेन क्रैश में नहीं मारे गए थे, बल्कि वह इंडो-चीन से बच निकलने में सफल हुए थे, उनके ठिकाने के बारे में 11 दिसंबर 1947 तक किसी को पता नहीं था। इससे साफ है कि वह कहीं ना कहीं 1947 तक जिंदा थे।
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