नई दिल्ली :वैसे तो हर धर्म को मानने वालों के अलग-अलग विचार होते हैं लेकिन एक चीज जो हर जगह सामान्य है वो है सिर ढ़ककर पूजा करना। चाहे वो मंदिर हो या फिर मसजिद या फिर गुरूद्वारा हर जगह आपको लोग ऐसे मिलेंगे जो सिर ढ़ककर पूजा करते हैं। गुरूद्वारे में तो मत्था टेकने से पहले सिर ढंकने के लिए चुन्नी या रूमाल भी दिया जाता है। मान्यता है जिसको आप आदर देते हैं उनके आगे हमेशा सिर ढ़क कर जाते हैं इसी कारण कई महिलाएं जब भी अपने सास-ससुर या बड़ों से मिलती हैं तो सिर ढ़क लेती हैं। ऐसा माना जाता है कि सिर ढ़कने से मन एकाग्र रहता है। दिमाग भटकता नहीं और इंसान का ध्यान केवल एक बिंदु पर ही रहता है। सिर के मध्य में सहस्त्रारार चक्र होता है जिस पर पूजा करते वक्त निगेटिव चीजों का असर नहीं होना चाहिए इस कारण सिर ढ़ककर पूजा करनी चाहिए।
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