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फसल अवशेषों को खेत में जलाने पर लगेगा अर्थदण्ड

फसल अवशेषों को खेत में जलाने पर लगेगा अर्थदण्ड,कम्बाईन हार्वेस्टिंग मशीन मालिकों को स्ट्रारीपर का प्रयोग होगा अनिवार्य।

फसल अवशेषों को खेत में जलाने पर लगेगा अर्थदण्ड

फसल अवशेषों को खेत में जलाने पर लगेगा अर्थदण्ड,कम्बाईन हार्वेस्टिंग मशीन मालिकों को स्ट्रारीपर का प्रयोग होगा अनिवार्य।

बहराइच। फसल अपशिष्टों को जलाये जाने के फलस्वरूप होने वाले वायु प्रदूषण की प्रभावी रोक थाम के लिए शासन की ओर से जारी किये गये दिशा निर्देशों के अनुसार किसानों द्वारा फसलों की कटाई के उपरान्त बचे हुए अवशेषों को जलाया जाना प्रतिषिद्ध किया गया है साथ ही कम्बाईन हार्वेस्टिंग मशीन मालिकों को स्ट्रारीपर का प्रयोग करना अनिवार्य कर दिया गया है। शासन की ओर से किसानों को यह भी सलाह दी गयी है कि फसल अपशिष्टों को मिट्टी में मिलाने हेतु रोटावेटर, हैपी सीडर, डिस्क हैरो एवं रिवर्सेबुल मोल्ड बोल्ड प्लाऊ, रोटरी स्लेसर आदि आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग करें। किसानों को यह भी सलाह दी गयी है कि फसल के ठूठों को भूमि में सड़ाने हेतु 25 किलोग्राम यूरिया प्रति हेक्टयर की दर से प्रथम जुताई के समय भूमि में मिलाने से विद्यटन, तीव्र प्रकिया से होता है। फसल अपशिष्टों को मिट्टी में मिलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति में तीव्रता के साथ वृद्धि होती है तथा वायुमण्डल प्रदूषण को रोकने में भी सहायता मिलती है।

यह जानकारी देते हुए उप निदेशक कृषि डा. आर.के. सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा जनपद के समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारियों को इस आशय का निर्देश पूर्व में ही निर्गत किये जा चुके हैं कि फसलों के अवशेष को जलाने वाले दोषी व्यक्तियों की पुष्टि होने पर दो एकड़ क्षेत्रफल तक रू. 2500, दो से पांच एकड़ तक रू. 5000 तथा पांच एकड़ से अधिक पर रू. 15000 अर्थदण्ड लगाया जाए। उप निदेशक कृषि डा. सिंह ने जनपद के समस्त किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसलों के अपशिष्ट न जलाकर उसका वैज्ञानिक ढंग से उपयोग कर मिट्टी की उर्वरा शक्ति में वृद्धि करते हुए अपनी उत्पादकता बढ़ायें जिससे वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। 

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