लखनऊ, 1 मार्च। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के फिल्म्स डिवीजन द्वारा आयोजित होने वाले 11वें अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2019) के फेस्टिवल लोगो एवं फेस्टिवल पोस्टर का अनावरण कल 2 मार्च, शनिवार को अपरान्हः 1.30 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया जायेगा। श्री राजन शुक्ला, आई.ए.एस., प्रमुख सचिव, नागरिक सुरक्षा एवं राजनीतिक पेन्शन, उ.प्र., समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। इस भव्य समारोह में विभिन्न क्षेत्रों के कई गणमान्य अतिथि अपनी उपस्थिति से अनावरण समारोह को गरिमा प्रदान करेंगे तथापि अनावरण समारोह के उपरान्त सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी एक प्रेस कान्फ्रेन्स में बाल फिल्मोत्सव के उद्देश्यों पर विस्तृत जानकारी देंगे। उक्त जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है।
श्री शर्मा ने बताया कि विश्व का यह सबसे बड़ा शैक्षिक बाल फिल्मोत्सव आगामी 4 से 12 अप्रैल 2019 तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया जा रहा है, जिसमें 101 देशों की लगभग 1654 शैक्षिक बाल फिल्में निःशुल्क प्रदर्शित की जायेंगी। बाल फिल्मोत्सव का उद्देश्य शैक्षिक बाल फिल्मों के माध्यम से किशोर एवं युवा पीढ़ी को चरित्र निर्माण व जीवन मूल्यों की शिक्षा देना है। यह अनूठा फिल्म समारोह किशोरों व युवाओं को न सिर्फ दुनिया भर की संस्कृति व सभ्यता से रूबरू करायेगा अपितु वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को भी चरितार्थ करेगा।
श्री शर्मा ने बताया कि इस बाल फिल्मोत्सव के 9 दिनों में फिल्म जगत की दिग्गज हस्तियाँ एवं बाल कलाकार किशोरों व छात्रों का उत्साहवर्धन करेंगे एवं प्रेरणादायी फिल्में देखने का अलख जगायेंगे। इसके अलावा, अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव में विभिन्न श्रेणियों के अन्तर्गत सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को 10 लाख रूपये के नगद पुरस्कारों से सम्मानित किया जायेगा। सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्मों का चयन एक अन्तर्राष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा किया जायेगा।
श्री शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. द्वारा पिछले 10 वर्षों में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव अत्यन्त ही सफल रहा है। इसकी लोकप्रियता का यह आलम रहा कि प्रत्येक वर्ष लगभग एक लाख से अधिक बच्चे इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव में दिखाई जाने वाली फिल्मों को देखने के लिए आते हैं। सी.एम.एस. का मानना है कि ऑडियो-विजुअल माध्यम बच्चों को जीवन मूल्यों की शिक्षा देने का बड़ा ही सीधा व सरल तरीका है एवं बच्चों के मन-मस्तिष्क पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि सी.एम.एस. ने हिंसा व अश्लीलता से भरपूर गंदी फिल्मों के स्थान पर अच्छी फिल्में निःशुल्क दिखाने का साहसिक बीड़ा उठाया है।
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