
Downfall of Govinda: गोविंदा, जो कभी बॉलीवुड के हीरो नंबर 1 रहे, आज अपने करियर की सबसे मुश्किल घड़ी से गुजर रहे हैं। 90 के दशक में अपनी हिट फिल्मों और दमदार एक्टिंग से उन्होंने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई थी। लेकिन एक समय ऐसा आया जब गोविंदा का करियर अचानक नीचे गिरने लगा और वे बड़े पर्दे से गायब हो गए।
अब फिल्म निर्माता पहलाज निहलानी ने गोविंदा के करियर के इस पतन के कारणों को लेकर अहम खुलासे किए हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में खुलकर बताया कि आखिर क्या कारण थे जिनकी वजह से गोविंदा का करियर डूब गया।
पहलाज निहलानी ने बताई खराब संगति की वजह
पहलाज निहलानी ने एक इंटरव्यू के दौरान गोविंदा के करियर के पतन के पीछे खराब संगत को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "गोविंदा एक शानदार ऑलराउंडर थे और उन्होंने अपने करियर को बहुत अच्छे तरीके से संभाला। हालांकि, उनकी 'कमजोरी' थी कि वह लोगों पर जल्दी भरोसा कर लेते थे। इसके अलावा, उनका वातावरण भी अच्छा नहीं था, जिसके कारण वह अक्सर भटकते रहते थे। वे ज्योतिषियों और पंडितों की बातों में आकर अपने करियर से जुड़ी अहम फैसले लेते थे। इस प्रकार की संगत और माहौल ने ही उनके करियर को नुकसान पहुंचाया।"
डेविड धवन पर लगाए गंभीर आरोप
पहलाज निहलानी ने फिल्म निर्माता डेविड धवन पर भी आरोप लगाए, जिनके बारे में उनका कहना था कि उन्होंने गोविंदा के करियर को प्रभावित किया। पहलाज ने याद करते हुए कहा, "गोविंदा एक सिंगल-स्क्रीन हीरो थे और जब मल्टीप्लेक्स फिल्मों का दौर आया, तो उनकी फिल्में रिलीज नहीं हो पाईं। इसके बाद, जब गोविंदा का करियर ढलान पर था, खासकर 'पार्टनर' के बाद, उनकी फिल्में ठीक से नहीं चलीं। डेविड धवन, जो गोविंदा के साथ काम कर रहे थे, उन्होंने गोविंदा के दिमाग में मेरे खिलाफ जहर भर दिया था। उन्हें लगता था कि मैंने पैसे कमाए, जबकि उनकी फिल्में सफल हुई थीं क्योंकि उनका नाम उसमें था।"
90 के दशक में गोविंदा का जादू
गोविंदा का नाम 90 के दशक के सबसे बड़े और पॉपुलर एक्टर्स में शामिल था। उन्होंने "राजा बाबू", "कुली नंबर 1", "हीरो नंबर 1" और "साजन चले ससुराल" जैसी कई हिट फिल्मों से अपनी पहचान बनाई। लेकिन जैसे-जैसे 2000 का दशक आया, उनकी फिल्मों ने उतना असर नहीं छोड़ा। इसके बाद वह बड़े पर्दे से धीरे-धीरे गायब हो गए, और उनका करियर एक अंधे मोड़ पर आकर रुक गया।
गोविंदा का करियर एक समय पर शिखर पर था, लेकिन कुछ गलत फैसलों और गलत संगत के कारण उनका करियर नीचे गिरा। पहलाज निहलानी के बयान से यह साफ होता है कि गोविंदा के करियर की गिरावट के पीछे कई व्यक्तिगत और पेशेवर कारण थे, जिनमें बाहरी तत्वों का भी बड़ा हाथ था।
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