लंदन. मंगलवार को बीबीसी की जर्नलिस्ट और होस्ट क्रिस्टी लैंग ने आरोप लगाया कि उन्हें कैंसर के दौरान भी काम करना पड़ा था। जब बीबीसी ने उन्हें बीमारी के पैसे नहीं देने को कहा, तब उन्हें अपने कैंसर इलाज के दौरान भी काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा। लैंग ने पार्लियामेंट में सांसदों से कहा कि संस्था जब उनकी सौतेली बेटी की अचानक मौत हुई, तब भी संस्थान ने उन्हें छुट्टी नहीं दी थी। लैंग ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीबीसी जैसा संस्थान अपने कर्मचारियों को उनके बीमारी के पैसे नहीं देकर हर साल करीब 10 मिलियन यूरो की बचत करता है। बीबीसी में सैकड़ों कर्मचारियों को अपने पर्सनल सर्विस कंपनियों (PSC) से बीमारी और अन्य मामलो के लिए खर्च करना पड़ता है। वहीं, बीबीसी अपने स्टाफ को फ्रीलांस करने के लिए भी मजबूर करता है, ताकि उन्हें बीमारी की छुट्टी का फायदा ना मिल सके।
लैंग ने पार्लियामेंट कमेटी को कहा कि उन्हें बुरी परिस्थितियों का सामना करना पड़ा और उन्हें बीबीसी ने धोखा दिया। बीबीसी से लैंग चौथी ब्रॉडकास्टर्स थीं, जिन्होंने अपने संस्थान के खिलाफ शिकायत की है। लैंग ने कहा कि वह बीबीसी में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर थी और जब उसके स्कूल में बच्चे को दिक्कत हो रही थी तब वह बीबीसी में पार्ट टाइम जॉब करना चाहती थी। लेकिन, बीबीसी ने कहा कि वे ऐसा सिर्फ फ्रीलांस के दौरान ही कर सकती है।
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