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सी.एम.एस. के सभी 57000 छात्र व शिक्षक परमाणु रहित विश्व व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्ध -डा. जगदीश गाँधी

सिटी मोन्टेसरी स्कूल के 57000 छात्रों, शिक्षकों व प्रधानाचार्याओं की आवाज उठाते हुए विद्यालय के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने परमाणु हथियारों के सम्पूर्ण उन्मूलन की माँग की है। ‘अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु उन्मूलन दिवस’ के उपलक्ष्य में सी.एम.एस. गोमती नगर ..

सी.एम.एस. के सभी 57000 छात्र व शिक्षक परमाणु रहित विश्व व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्ध -डा. जगदीश गाँधी

लखनऊ, 27 सितम्बर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के 57000 छात्रों, शिक्षकों व प्रधानाचार्याओं की आवाज उठाते हुए विद्यालय के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने परमाणु हथियारों के सम्पूर्ण उन्मूलन की माँग की है। ‘अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु उन्मूलन दिवस’ के उपलक्ष्य में सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) में आयोजित एक कार्यक्रम में डा. गाँधी ने कहा कि सी.एम.एस. के सभी 57000 छात्र व शिक्षक परमाणु रहित विश्व व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्ध हैं और परमाणु हथियारों के सम्पूर्ण उन्मूलन तक आवाज उठाते रहेंगे। इस अवसर पर सी.एम.एस. की संस्थापिका-निदेशिका डा. (श्रीमती) भारती गाँधी, सी.एम.एस. के सभी कैम्पस की प्रधानाचार्याएं व शिक्षक उपस्थित थे। 

डा. गाँधी ने बताया कि सी.एम.एस. पिछले 58 वर्षों से अपनी स्थापना के समय से ही विश्व एकता, विश्व शान्ति एवं मानवाधिकारों की आवाज उठाता रहा है और इसी क्रम में विगत 18 वर्षों से लगातार लखनऊ की सरजमीं पर ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ आयोजित कर रहा है। इस वर्ष ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ का 19वाँ सम्मेलन 14 से 20 नवम्बर तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न देशों से पधार रहे मुख्य न्यायाधीशों व न्यायाधीशों के समक्ष सी.एम.एस. छात्र परमाणु हथियारों के सम्पूर्ण उन्मूलन की जोरदार माँग करेंगे। डा. गाँधी ने बताया कि सम्मेलन में प्रतिभाग हेतु अब तक 57 देशों के मुख्य न्यायाधीशों की स्वीकृतियाँ प्राप्त हो चुकी हैं। इसके अलावा, हम विश्व के सभी देशों को पत्र भेजकर और फिल्म बनाकर भेज रहे है जिसमें परमाणु हथियारों के उन्मूलन की माँग की गई है।
    डा. गाँधी ने बताया कि यह दुनिया परमाणु हथियारों की त्रासदी को देख चुकी है जब अमेरिका ने जापान पर 6 व 9 अगस्त 1945 को परमाणु बम गिराये थे और लाखों-लाख लोग मारे गये थे। उस त्रासदी को अब यह दुनिया दोहराना नहीं चाहती है और इसीलिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिवर्ष ‘अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु उन्मूलन दिवस’ मनाया जाता है, और परमाणु हथियारों के उन्मूलन का संकल्प लिया जाता है। 
    डा. गाँधी ने आगे कहा कि जो अथाह धन परमाणु हथियार के निर्माण व उसे सुरक्षित रखने में खर्च किया जाता है, उसे स्थायी विकास लक्ष्यों और मनुष्य एवं पर्यावरणीय आवश्यकता के अन्य क्षेत्रों में आवंटित किया जा सकता है। हमारी माँग है कि परमाणु हथियारों की दौड़ को अब रोक दिया जाना चाहिए और करीब 100 बिलियन वैश्विक परमाणु हथियारों के बजट को गरीबी समाप्त करने, जलवायु परिवर्तन को सही गति प्रदान करने, बुनियादी शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने एवं एक सतत अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में उपयोग किया जाना चाहिए।
 

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