होम Bharat Ratna to Dalai Lama: दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग तेज, चीन बोला– उत्तराधिकारी हम तय करेंगे

समाचारदेशविदेशआस्थाधर्म-अध्यात्म

Bharat Ratna to Dalai Lama: दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग तेज, चीन बोला– उत्तराधिकारी हम तय करेंगे

Bharat Ratna to Dalai Lama: तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को लेकर भारत और चीन के बीच एक बार फिर सियासी और कूटनीतिक टकराव गहराता नजर आ रहा है। जहां एक ओर भारत में दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग जोर पकड़ रही है, वहीं चीन ने दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर..

Bharat Ratna to Dalai Lama: दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग तेज, चीन बोला– उत्तराधिकारी हम तय करेंगे

Bharat Ratna to Dalai Lama: तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को लेकर भारत और चीन के बीच एक बार फिर सियासी और कूटनीतिक टकराव गहराता नजर आ रहा है। जहां एक ओर भारत में दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग जोर पकड़ रही है, वहीं चीन ने दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर अपनी दावेदारी फिर दोहराई है।

सांसदों ने बढ़ाया समर्थन, जल्द सौंपा जाएगा प्रस्ताव

तिब्बत से जुड़े मसलों पर काम करने वाले भारत के सर्वदलीय तिब्बत मंच (All Party Indian Parliamentary Forum for Tibet) से जुड़े सांसदों ने दलाई लामा को भारत रत्न देने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रस्ताव पर अब तक 80 से ज्यादा सांसदों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। मंच के पूर्व संयोजक और राज्यसभा सांसद सुजित कुमार ने बताया,

“हमारे मेमोरेंडम पर 80 से ज्यादा सांसदों के हस्ताक्षर हो चुके हैं। जैसे ही यह संख्या 100 तक पहुंचेगी, प्रस्ताव राष्ट्रपति को सौंप दिया जाएगा।”

चीन की आपत्ति, भारत को दी चेतावनी

दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चीन लगातार प्रतिक्रिया देता रहा है। बीजिंग का कहना है कि उत्तराधिकारी चुनने की प्रक्रिया पारंपरिक धार्मिक रस्मों और चीन सरकार की स्वीकृति से ही होनी चाहिए।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने प्रेस वार्ता में भारत को चेताते हुए कहा,

“भारत को 14वें दलाई लामा की चीन विरोधी अलगाववादी भूमिका को समझना चाहिए। शिजांग (तिब्बत) से जुड़े मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धता निभानी चाहिए और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से बचना चाहिए।”

माओ ने यह भी कहा कि पंचेन लामा और दलाई लामा जैसे तिब्बती धार्मिक गुरुओं के उत्तराधिकार का फैसला ‘स्वर्ण कलश प्रक्रिया’, भाग्य-पत्र, और केंद्रीय चीनी सरकार की मंजूरी के अनुसार होना चाहिए।

भारत की प्रतिक्रिया – उत्तराधिकारी पर निर्णय दलाई लामा का अधिकार

भारत के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने चीन के दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि अगला दलाई लामा कौन होगा, यह तय करने का अधिकार केवल गादेन फोडरंग ट्रस्ट और स्वयं दलाई लामा के पास है। उन्होंने कहा,

“इस फैसले में कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं होगा।”

दलाई लामा ने भी दी सफाई

बुधवार को दलाई लामा ने खुद स्पष्ट किया कि उनकी संस्था बनी रहेगी और भविष्य में जो उत्तराधिकारी होगा, उसे मान्यता केवल गादेन फोडरंग ट्रस्ट द्वारा दी जाएगी।

सांसदों की तिब्बती सरकार से मुलाकात, चीन पहले भी कर चुका ऐतराज

गौरतलब है कि दिसंबर 2021 में भी तिब्बती निर्वासित सरकार के प्रतिनिधियों से 6 भारतीय सांसदों की मुलाकात को लेकर चीन ने आपत्ति जताई थी और भारतीय सांसदों को पत्र भेजकर तिब्बत से दूरी बनाए रखने की सलाह दी थी।

जहां भारत में दलाई लामा को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की मांग को सांसदों का व्यापक समर्थन मिल रहा है, वहीं चीन इसे अपनी घरेलू नीति और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन मान रहा है। यह विवाद केवल दो देशों के बीच कूटनीतिक तकरार नहीं, बल्कि एक धार्मिक, राजनीतिक और मानवाधिकारों से जुड़ा वैश्विक मुद्दा बनता जा रहा है।

नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Twitter, व Google News पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।

Most Popular

(Last 14 days)

-Advertisement-

Facebook

To Top