होम कोविड टीके से पुरुषों और महिलाओं में हो रही बांझपन की शिकायत, जाने क्या है पूरी सच्चाई ?

समाचारदेशजीवन शैलीस्वास्थ्य

कोविड टीके से पुरुषों और महिलाओं में हो रही बांझपन की शिकायत, जाने क्या है पूरी सच्चाई ?

कोविड टीके से पुरुषों और महिलाओं में हो रही बांझपन की शिकायत, ऐसी सोसल मिडिया पर बहुत सारी अफवाहें फैली हुई है। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बयान जारी कर बताया कि कोविड-19 रोधी टीका लगवाने से पुरुषों और महिलाओं के बांझपन का शिकार होने का कोई वैज्ञानिक आधार नही है।

कोविड टीके से पुरुषों और महिलाओं में हो रही  बांझपन की शिकायत, जाने क्या है पूरी सच्चाई ?

कोविड टीका से पुरुषों और महिलाओं में हो रही बांझपन की शिकायत, आइये जानते हैं क्या है पूरी सच्चाई ? 

भारत में टीकाकरण का काम तेजी से चल रहा है। ऐसे में सोसल मिडिया पर बहुत सारी अफवाहें फैली हुई है। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (union health ministry) ने सोमवार को बयान जारी कर बताया कि कोविड-19 रोधी टीका लगवाने से पुरुषों और महिलाओं के बांझपन का शिकार होने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और टीके सुरक्षित व प्रभावी हैं। कोविड ​​-19 टीकाकरण को लेकर विशेषज्ञों के राष्ट्रीय समूह (एनईजीवीएसी) ने स्तनपान कराने वाली सभी महिलाओं के लिए कोविड ​​-19 टीकाकरण की सिफारिश की है। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (union health ministry) ने जारी किया बयान-

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (union health ministry) ने सोमवार को बयान जारी कर बताया कि कोविड-19 रोधी टीका (anti-Corona vaccine) लगवाने से पुरुषों और महिलाओं के बांझपन का शिकार होने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और टीके सुरक्षित व प्रभावी हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मीडिया में आईं खबरों में कोविड-19 टीकाकरण (Covid Vaccination) के चलते प्रजनन आयु के लोगों के बीच बांझपन को लेकर चिंता जतायी गई है। 

कोविड टीके को लेकर फैली हैं झूठी अफवाहें- 

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मीडिया में आईं कुछ खबरों में नर्सों सहित स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों के एक वर्ग में विभिन्न अंधविश्वासों और मिथकों की व्यापकता को उजागर किया गया है पोलियो और खसरा-रूबेला के खिलाफ टीकाकरण अभियान के दौरान भी इस तरह की गलत सूचना और अफवाहें फैलाई गईं थीं।

मंत्रालय ने कहा कि उसने वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एफएक्यू (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) में स्पष्ट किया है कि उपलब्ध टीकों में से कोई भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं करता है, क्योंकि सभी टीकों और उनके घटकों का परीक्षण पहले जानवरों और बाद में मनुष्यों पर किया जाता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इनका कोई दुष्प्रभाव तो नहीं. बयान में कहा गया है कि टीकों को उनकी सुरक्षा और प्रभावशीलता सुनिश्चित होने के बाद ही उपयोग के लिए अधिकृत किया जाता है।

बयान के अनुसार, "इसके अलावा, भारत सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण के कारण बांझपन के बारे में प्रचलित अफवाह को रोकने के लिए स्पष्ट किया है कि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि कोविड-19 टीकाकरण पुरुषों और महिलाओं में बांझपन का कारण बन सकता है। टीके सुरक्षित और प्रभावी पाए गए हैं। 

कोविड ​​-19 टीकाकरण को लेकर विशेषज्ञों के राष्ट्रीय समूह (एनईजीवीएसी) ने स्तनपान कराने वाली सभी महिलाओं के लिए कोविड ​​-19 टीकाकरण की सिफारिश की है। समूह ने इसे सुरक्षित बताते हुए कहा है कि टीकाकरण से पहले या बाद में स्तनपान को रोकने की कोई आवश्यकता नहीं है।

नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Twitter, व Google News पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।

Most Popular

(Last 14 days)

Facebook

To Top