लखनऊ, 21 नवम्बर। अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन में लखनऊ पधारे 71 देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, न्यायमंत्री, मुख्य न्यायाधीशां, कानूनविद्ों व अन्य प्रख्यात हस्तियों ने अपने-अपने देश रवाना होने से पूर्व लखनऊ भ्रमण किया और लखनऊ की ऐतिहासिक इमारतों का अवलोकन एवं गंगा-जमुनी तहजीब को नजदीक से अनुभव किया। लखनऊ की साँस्कृतिक विरासत को नजदीक से देखकर विश्व भर से पधारे न्यायविद् ऐसे मंत्रमुग्ध हुए कि उनके मुंह से बरबस ही निकल पड़ा कि एकता का पैगाम देती लखनऊ की ऐतिहासिक धरोधर अपने आप में शानदार है। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित ‘19वें अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन’ में पधारे 71 देशों के न्यायविद्ों, कानूनविद्ों व अन्य प्रख्यात हस्तियों ने चार दिनों तक चली परिचर्चा में विश्व के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित व सुखमय भविष्य पर गहन चिंतन-मनन किया और संकल्प लिया कि एक नवीन विश्व व्यवस्था की स्थापना तक अपने प्रयासों को जारी रखेंगे। ये सभी गणमान्य अतिथि अपने-अपने देश रवाना हो गये।
श्री शर्मा ने बताया कि स्वदेश रवानगी से पूर्व ऐतिहासिक नगरी लखनऊ भ्रमण पर निकले ये सभी विदेशी अतिथि खासे उत्साहित व प्रफुल्लित थे। लखनऊ की गलियों में घूमते हुए इस दल ने विश्व एकता व विश्व शांति का अद्भुद दृश्य उपस्थित किया। ये सभी विदेशी अतिथि बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, रेजीडेन्सी इत्यादि ऐतिहासिक स्थलों को देखने गये। लखनऊ दर्शन के दौरान इन विदेशी मेहमानों ने कलात्मक वस्तुओं की जमकर खरीदारी की एवं साथ ही विभिन्न प्रकार के लजीज पकवानों का भी जमकर आनन्द उठाया। एक अनौपचारिक वार्ता में न्यायविदों व कानूनविदों ने कहा कि भारतीय संस्कृति बहुत गहरी है व यहाँ की सोच विश्वव्यापी है। यहां हमें बहुत प्यार और मुहब्बत मिली है और हम फिर से भारत आना चाहेंगे।
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