भारतीयों की पहचान बना नमस्कार केवल एक परंपरा ही नहीं बल्कि इसके कई भौतिक और वैज्ञानिक फायदे भी होते हैं। जिनके बारे में आप में से बहुत कम लोग जानते होंगे। नमस्कार का अर्थ होता है सभी मनुष्यों के हृदय में एक दैवीय चेतना और प्रकाश। नमस्कार शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के नमस शब्द से हुई है जिसका अर्थ होता है एक आत्मा का दूसरी आत्मा से आभार प्रकट करना। इसी कारण जब इंसान एक-दूसरे से मिलता है और विदाई लेता है तो लोग नमस्ते या नमस्कार या प्रणाम करते हैं।
आईये जानते हैं नमस्कार का अर्थ और कुछ फायदे -
- नमस्ते करने के लिए दोनो हाथों को अनाहत चक पर रखा जाता है आँखें बंद की जाती हैं और सिर को झुकाया जाता है।
- हाथों को हृदय चक्र पर लाकर दैवीय प्रेम का एहसास होता है। सिर को झुकाने और आँखें बंद करने का अर्थ है अपने आप को हृदय में विराजमान दैवीय प्रकाश की अनुभूति करते हुए हम आपको नमन करते हुए सम्मान दे रहे है।
- जब इंसान को बहुत गुस्सा आये तो उसे तुरंत लोगों को नमस्कार करना चाहिए क्योंकि नमस्कार करने पर आपके दोनों हाथ जुड़ जाते हैं तो आप गुस्सा नहीं कर पाते हैं। और आपको यूं देखकर सामने वाले का भी गु्स्सा ठंढा हो जाता है।
- जब आप हाथ जोड़कर नमस्ते करते हैं तो उस वक्त हथेलियों को दबाने से या जोड़े रखने से हृदयचक्र और आज्ञाचक्र में सक्रियता आती है जिससे हृदय जागरण बढ़ता है आप का मन शांत हो जाता है जिसकी वजह से खुद ब खुद आप के ललाट पर मधुर सी मुस्कान छा जाती है।
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