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A से Z में जीवन का संदेश

समणी विपुलप्रज्ञा:- सकारात्मक सोच विकसित करें:- अंग्रेजी वर्णमाला में 26 अक्षर हैं। एक-एक अक्षर हमें जीने की नई प्रेरणा देता है। जीवन के हर मोड़ पर उतार-चढ़ाव आते हैं पर संतुलन रखने वाला अदम्य साहस-उत्साह के साथ आगे बढ़ जाता है।

A से Z में जीवन का संदेश

समणी विपुलप्रज्ञा:- सकारात्मक सोच विकसित करें:- अंग्रेजी वर्णमाला में 26 अक्षर हैं। एक-एक अक्षर हमें जीने की नई प्रेरणा देता है। जीवन के हर मोड़ पर उतार-चढ़ाव आते हैं पर संतुलन रखने वाला अदम्य साहस-उत्साह के साथ आगे बढ़ जाता है। हमारा प्रयास हो कि वर्णमाला के एक-एक अक्षर के संदेश को हम आत्मसात करें:- (ए) एटीट्यूड- हमारा दृष्टिकोण कैसा हो? पॉजिटिव सकारात्मक सोच विकसित करें। अटैक करें अपनी समस्या पर और सच्चाई को एक्सेप्ट करें। विशेष रूप से हम सकारात्मक शब्द चुनें, नकारात्मक विचारों से बचें। आर्किटेक्ट इमारत को आकार देता है, सकारात्मक नजरिये वाला इंसान अपने व्यक्तित्व को रचनात्मक व सृजनात्मक तरीके से आकार देता है। (बी) बिलीव्ह-स्वयं में विश्वास करें। विश्वास करें कि किसी तरह, किसी समय, कहीं न कहीं, किसी न किसी की मदद से आप अपना मनचाहा हासिल कर सकते हो। बिलीव्ह के साथ-साथ हम अपना बिहेवियर भी मधुर बनाएं। (सी) कमिट योर सेल्फ- संकल्प करें जो आप पाना चाहते हैं। आपका संकल्प जितना मजबूत होगा, लक्ष्य उतना नजदीक होगा। आचार्य महाश्रमण कहते हैं-व्यक्ति के सपने अधूरे रह जाते हैं पर संकल्प जरूर पूरा होता है।Ó हम कम्पलेन और क्रीटीसाइ•ा से बचने का प्रयत्न करें और काम्प्रोमाइ•ा करने का प्रयत्न करें। (डी) डेयर- हम जीवन में जोखिम उठाने का साहस करें। अपने गोल के प्रति डेडीकेटेड बने रहें। (ई) एजुकेट- एजुकेट करें स्वयं को। अज्ञान दुख का मूल है। हम पुस्तकीय व आत्मिक ज्ञान भी प्राप्त करें। ज्ञानी, शक्तिशाली व्यक्तियों को भी प्रभावित करता है। ज्ञान प्राप्ति के लिए हम अच्छी पुस्तकों का स्वाध्याय करें, सत्संग का लाभ लें। (एफ) फाइन्ड- खोजें हम अपनी प्रतिभा, संभावनाएं, समय, धन और नये तरीकों की खोज करें। बाईबिल में उल्लेख है- हर चीज खुले में नहीं रहता है जो अनमोल है।Ó जैसे हीरे धरती की गहराई में दबे होते हैं, मोती सीप के भीतर छुपे रहते हैं, सोना पाने हेतु खुदाई करनी पड़ती है, वैसे ही हमारी योग्यताएं हमारे भीतर की गहराई में मौजूद हैं ध्यान एवं पॉजिटिव सोच से उसकी खोज करें। (जी) गिव- सफल जीवन रहस्य है देने का नजरिया। प्रख्यात कैरियर गाइडेन्स विशेषज्ञ एडेलशील का कहना है- अगर आप किसी कंपनी में हैं तो आपका लक्ष्य होना चाहिए कि आप उस कंपनी को अधिक सफल व अधिक प्रभावी बनाएं। किसी भी क्षेत्र में हों, हमारी मानसिकता हो पहले देना फिर लेना।Ó सेवा के संदर्भ में आचार्य महाश्रमण कहते हैं-सेवा अधिक से अधिक दो, कम से कम लो।Ó (एच) होप- हमेशा आशा रूपी सांकल से बंधे रहें। हमें कभी हार नहीं मानना और कभी मैदान नहीं छोडऩा चाहिए। जॉर्ज वाशिंगटन, अब्राहम लिंकन, महात्मा गांधी, भगतसिंह, आचार्य भिक्षु आदि महापुरुषों ने संघर्षों का सामना किया पर मैदान नहीं छोड़ा। (आई) अमेजिंग- जिस व्यक्ति का मस्तिष्क सृजनात्मक है, वह कई कल्पनाओं को साकार रूप देता है। हम ऐसी कल्पनाएं करें जिसे व्यवहार के धरातल पर मूर्तरूप दे सकें। (जे) जंक फेंको- मानव का मस्तिष्क असाधारण है। यदि दिमाग में अतीत का कोई भी नकारात्मक रूपी कचरा है तो उसे निकालकर बहुत दूर फेंक दें। दिमाग एक ऐसा बगीचा है जिसकी देखभाल करने से पोषण देने से सुंदर तरीके से संवारा जा सकता है। यदि हमने अपने मस्तिष्क की सार-संभाल नहीं की तो उसमें अनावश्यक चिंता, तनाव रूपी जंगली घास उगती जाएगी। (के) की चाबी- जीवन की चाबी सद्गुरु के हाथों में सौंप दें ताकि आत्मा के दरवाजे को हम खोल सकें। यदि चाबी स्वयं रखोगे तो खो दोगे। कहते हैं-माँ जन्म देती है पर जीवन सद्गुरु देते हैं।Ó गुरु भीतर के बंद ताले को खोलकर आत्मा व ज्ञानरूपी धन हमें प्रदान करते हैं। (एल) लुघ- मुस्कुराता चेहरा। कितनी भी प्रतिकूल स्थितियां हों, हंसना न भूलें। हंसता वही है जो जिंदादिल है, मुर्दे की पहचान उदासीÓ है। गम भुलाकर मुस्कुराना जिंदगी है। (एम) मैनेज टाइम, लाइफ एवरीथिंग-हम 22वीं सदी, मैनेजमेंट के युग में जी रहे हैं। हम जीवन के हर क्षेत्र में प्रबंधन के साथ जीने का प्रयास करें। (एन) निगेटिव- समझौता करें- हम अपनी बात पर अड़े न रहें। स्थिति को समझें, बात को समझने का प्रयास करें, अकड़पन छोड़कर स्वभाव को लचीला रखें ताकि आप समझौता कर सकें। समुद्र में डूब जाने की बजाय, अपनी योजना बदल लें, बंदरगाह पर जहाज है। (ओ) ओव्हर लुक, ओव्हर कम-अपनी टीम के साथ काम करें। लोग गल्तियां करेंगे, आपको छोड़कर भी जा सकते हैं फिर भी आप अपनी व दूसरे लोगों को अपूर्णताओं को नजरअंदाज करके अपने कार्यों पर एकाग्र बनें ताकि अपने लक्ष्य में कामयाबी हासिल कर सकें। (पी) प्रेसेव्हर-डटे रहें, कभी हार न मानें। कहते हैं-कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।Ó (क्यू) क्यूइट- छोड़ दें। क्या? शिकायत करना, निंदा करना, नकारात्मक बात करने न सुना, ये सब छोड़ दें। अपने लिए कभी ऐसा न सोचें- मेरे साथ ही ऐसा क्यूं होता है। इतनी कठिनाई-संघर्ष मुझे ही क्यूं। हर हाल में खुशहाल रहने का प्रयत्न करें। ये दिन भी बीत जाएंगे।Ó (आर) रिआर्गेनाइज- पुन: व्यवस्थित करें। जीवन या वस्तु पुन: व्यवस्थित करें। प्रयोगशाला में आग लग गई, अन्वेषण की सारी फाइलें राख हो गईं। 67 वर्षीय वैज्ञानिक एडसिन ने परिजनों को बुलाया, वह दृश्य दिखाया कहा-हमारी सारी भूलें जल गईं, अब नये सिरे से काम करेंगे। (एस) शेयर- बाटें। यश, कार्य, धन, प्रशंसा, शक्ति एक-दूसरे के साथ बांटें। सकारात्मक चिंतन बांटें। एक-दूसरे के गम, तनाव, दुख को भी बांटें। (टी) ट्रेड ऑफ-अदला-बदली करें। जब आप बांटना शुरु करते हो तो आप अदला-बदली भी करोगे। पादरी गोल्फ खेलने जा रहे थे। बेटा बोला- पापा! मैं भी आपके साथ चलूंगा। सॉरी बेटे, पिता चले गए, बालक रोता रहा। एक कि.मी. जाकर वापस आए, बोले-चलो बेटे घूमने चलते हैं। इस बिंदु पर अदला-बदली की। एक गोल्फ को प्राथमिकता के बदले मानवीय प्राथमिकता का चयन किया। गोल्फ में असफल होना मंजूर किया पर पिता के रूप में सफल होना पसंद किया। (यू) यूनिटी-एकता। एक सूत्र में बंधे रहें। एकता में ताकत है। अकेली अंगुली या अंगूठा कुछ नहीं कर सकता, पर पांचों मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं। (व्ही) विजुलाइज-सिर्फ देखते रहें उस चीज को जिसे आप पाना चाहते हैं। ध्यान में अपने भीतर में जाकर विजुलाइज करें नो लाइक नो डिसलाइक- सिर्फ देखें। देखते-देखते आत्मा की अनुभूति कर सकते हैं। यदि हम अपने लक्ष्य को प्रतिदिन ज्यादा से ज्यादा विजुलाइज करते रहें तो लक्ष्य शीघ्र पा सकते हैं। यह आकर्षण का सिद्धांत है। (डब्ल्यू) वर्क- श्रम करो-सफल बनो।Ó हमारे भीतर सतत् श्रम की, काम करने की चेतना रहे। श्रम से भाग्य का सुंदर निर्माण होता है। पुरुषार्थ में ताकत है, भाग्य को जगाने की। अत: आलस छोड़, काम करते रहें। (एक्स) एक्स-रे- जैसे शरीर में टूट-फूटे हुई है या और कोई तकलीफ है तो एक्स-रे से पता चल जाएगा, वैसे ही आत्मा का एक्स-रे भी गुणवत्ता बढ़ाकर करना चाहिए। दोषों के निवारण व गुणों का आदर करें। (वाय) वाइल्ड- सौंप दें। एक्स-रे से पता चलेगा कि व्यक्ति आत्मा को नजरअंदाज करके दुनिया के पीछे भाग रहा है। अच्छा यह है कि अपना जीवन गुरु को सौंप दें। संतजनों ने कहा है-उस मनुष्य को क्या लाभ होगा, अगर वह पूरी दुनिया को पा ले, परंतु अपनी आत्मा को गंवा दे।Ó (जेड) जेएल-उत्साह के साथ जिंदगी के हर पल को जीएं। मानव जीवन सबसे मूल्यवान है। इस जीवन को सफल व सार्थक बनायें। ए-जेड- इन 26 अक्षरों में जीवन का संदेश है।

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