सहारनपुर के जातीय हिंसा के आरोप में सजा काट रहे रावण की जेल से रिहाई के बाद राजनीतिक गरमाई हुई है. एक ओर जहां रावण ने बसपा सुप्रीमो मायावती को अपनी बुआ बताया था, वहीं रविवार को मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर न सिर्फ रावण और भीम आर्मी से किसी तरह का रिश्ता होने से इनकार किया बल्कि रावण को जातीय हिंसा का आरोपी भी बताया |
बता दें रावण की रिहाई के बाद से सहारनपुर की राजनीति में खलबली मची हुई है. एक ओर जहां कांग्रेस उपाध्यक्ष इमरान मसूद ने रावण से मुलाकात कर दलित प्रेम जताया, वहीं रावण ने महागठबंधन के साथ रहने की बात कही. इतना ही नहीं रावण ने बयान दिया कि बसपा सुप्रीमो मायावती उनकी बुआ है, लेकिन रविवार को मायावती ने भीम आर्मी और रावण को जातीय हिंसा भड़काने का आरोपी बताते हुए सभी रिश्तों को मना कर दिया |
मायावती के रावण से अपने रिश्ते को नकारने के बाद चंद्रशेखर रावण कुछ ढीले नजर आए. इस मामले पर चंद्रशेखर से सवाल किया गया तो चंद्रशेखर ने कहा कि अभी उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं सुना है. वे इस बारे में सुनने के बाद कुछ भी कहेंगे. कहा कि बसपा से उनका कोई रिश्ता नहीं है, मगर मायावती से सामाजिक रिश्ता है. उन्होंने कहा कि उनका BSP से कोई संबंध नहीं है, वे एक सामाजिक संगठन चलाते हैं. उनका कहना है कि मायावती उनके समुदाय से हैं, वे उनकी बुआ हैं. संबंध विच्छेद हो सकते हैं, बहन-भाई में भी हो जाते हैं, लेकिन रिश्ते नहीं बदलते |
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