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आपका बैंक अकाउंट को रात में सबसे ज्यादा होता है ख़तरा, कैसे?

आज का कंप्यूटर युग जहाँ एक तरफ हमारे काम को आसान कर रहा है वही दूसरे तरफ हमें इसके कुछ गलत परिणाम भी मिलते है। आजकल बैंकिंग फ्रॉड मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। एटीएम कार्ड क्लोनिंग कर अकाउंट से पैसे निकालने के मामले में लगातार बढ़ोतरी नजर आ रही है।

आपका बैंक अकाउंट को रात में सबसे ज्यादा होता है ख़तरा, कैसे?

आज का कंप्यूटर युग जहाँ एक तरफ हमारे काम को आसान कर रहा है वही दूसरे तरफ हमें इसके कुछ गलत परिणाम भी मिलते है। आजकल बैंकिंग फ्रॉड मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। एटीएम कार्ड क्लोनिंग कर अकाउंट से पैसे निकालने के मामले में लगातार बढ़ोतरी नजर आ रही है। जिसमे विशेषतः अधिकांश मामलों में ट्रांजेक्शन 11:50 से लेकर 12:15 के बीच हुए है। न्यूज 18 की खबर मुताबिक बैंकिंग फ्रॉड मामले में किसी अकाउंट से पहला ट्रांजेक्शन रात 11:50 के आसपास होता है, जबकि दूसरा ट्रांजेक्शन रात 12 बजे के बाद पाया गया है।

खबर के अनुसार ATM की क्लोनिंग कर खाते से पैसे निकालने वाले फ्रॉड की सबसे ज्यादा वारदात रात के वक्त होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हैकर्स के लिए रात 11:50 बजे से 12:15 के बीच का वक्त सबसे ज्यादा सुविधाजनक होता है। हैकर्स पहला ट्रांजेक्शन रात 11:50 बजे करते हैं, जबकि दूसरा ट्रांजेक्शन 12 बजे के बाद, ताकि वो अगले दिन में काउंट हो। ऐसा इसलिए करते है क्योंकि हर ATM की प्रतिदिन की लिमिट निर्धारित होती है। ऐसी परेशानी से बचने के लिए हैकर्स ऐसा करते हैं।

कम समय में ज्यादा कैश निकालने की विधि -

चूंकि ATM से कैश निकालने की लिमिट निर्धारित होती है, जो कि अक्सर 25 से 40 हजार होती है। ऐसे में हैकर्स 11:50 से लेकर 12:15 के बीच का वक्त कैश निकालने के लिए चुनते हैं। हैकर्स ज्यादा कैश निकालने के लिए एक ट्रांजेक्शन रात 12 बजे से पहले और दूसरा ट्रांजेक्शन रात 12 बजे के बाद करते हैं। ऐसे में उन्हें कम वक्त में ज्यादा कैश निकालने का वक्त मिल जाता है। वो चंद मिनटों के बीच दो दिन के कैश लिमिट के बराबर कैश निकाल सकते हैं। रात के वक्त ATM कार्ड होल्डर सो रहे होते हैं इसलिए उन्हें अपने कार्ड हुए ट्रांजैक्शन का पता भी नहीं चल पाता। जब सुबह मैसेज पढ़ते हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

ऐसे होती है एटीएम कार्ड से डेटा चोरी -

साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार हैकर्स ATM कार्ड से डेटा चोरी के लिए एक छोटी सी डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं, जिसे स्कीमर कहते हैं। इस मशीन की मदद से आपके कार्ड का क्लोन तैयार कर लिया जाता है। ये स्कीमर आकार, डिजाइन और रंग में बिल्कुल मशीन के कार्ड रीडर स्लॉट से मिलता-जुलता होता है, इसलिए इसे पहचानना मुश्किल होता है। ऐसे में आपको पेट्रोल पंप, रेस्टोरेंट, होटल, दुकान जैसी जगहों पर अपना क्रेडिट और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते वक्त सावधान रहना चाहिए।

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