श्रीरामदास मिशन यूनिवर्सल सोसाइटी के महासचिव शक्ति शांतानंद महेश ने कहा है कि राम मंदिर के लिए अदालत के अंदर लड़ाई की जरूरत नहीं है, बल्कि सभी लोग मिलकर जन्मभूूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण कराएं।
विश्व हिन्दू परिषद मुख्यालय कारसेवकपुरम में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए महेश ने कहा कि मंगलवार (13 फरवरी) को अयोध्या की पावन धरती से रामेश्वरम के लिए रामराज्य रथ यात्रा निकल रही है जो पूरी तरह से अराजनीतिक है जिसमें कई हिन्दू वादी संगठन भी हमारी मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 6 राज्यों से होकर रथ यात्रा 24 मार्च को रामनवमी के दिन रामेश्वरम पहुंचेगी। यह पूरा कार्यक्रम 41 दिनों का है। उन्होंने बताया कि इस रथ यात्रा की शुरुआत सर्वप्रथम वर्ष 1999 में जगद्गुरू स्वामी सत्यानंद सरस्वती जी ने की थी।
उन्होंने बताया कि जो रामदास मिशन सोसाइटी के संस्थापक भी थे। महेश ने बताया कि यह रथयात्रा रामनवमी के दिन महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक से ही निकलती थी लेकिन अब इसका नाम रामराज्य रथ यात्रा हो गया है जो 5 उद्देश्यों को लेकर यह रथ यात्रा निकल रही है। इसके माध्यम से हम 10 लाख लोगों से ज्यादा हस्ताक्षर जिसमें 10 हजार से अधिक संतों की स्वीकृति लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति को सौंपेंगे। उनसे मांग करेंगे कि विवादित श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण करा करके रामायण को सेलेबस में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ गुरुवार को साप्ताहिक अवकाश और वर्ष में एक हिन्दू दिवस के रूप में घोषित किया जाए।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के बिना रामराज्य अधूरा है। इसलिए हम सभी लोगों को पूरी तरह से उम्मीद है कि अगले वर्ष रामनवमी के दिन भगवान राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे और उनका वहीं पर पट्टाभिषेक किया जाएगा। वहीं मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी कृष्णानंद सरस्वती ने कहा कि यह देश प्रभु राम के स्मरण से मिला है लेकिन बड़े दुख की बात है कि उनके मंदिर का निर्माण नहीं हो पा रहा है जिसके लिए कई हजार लोग शहीद हो गए।
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