
सबरीमाला विवाद को लेकर मलयालम फिल्मों की अभिनेत्री पार्वती थिरूवोथु ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। एक्ट्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद मंदिर में महिलाओं को प्रवेश न मिलने पर अपनी राय रखी और कहा कि महिलाओं की पवित्रता को वर्जिनिटी और वजाइना से जोड़कर देखा जाता है, जो गलत हैं। आज लोगों की सोच को बदलने की जरूरत हैं। एक इंटरव्यू के दौरान पार्वती ने इस मुद्दे पर बड़ी बेबाकी से अपनी बात रखी और कहा कि आज भी लोगों की वहीं पुराणी सोच है। वो सोचते हैं कि मासिक धर्म के दौरान महिलाएं अवपित्र हो जाती है।
आज के समय में लोगों की मानसिकता को बदलने की जरूरत है -
पार्वती ने कहा कि केरल साक्षरता में प्रथम पायदान पर है। यहां घर की प्रधान महिलाएं होता है, लेकिन कागजी बातें असल जीवन में नहीं अपनाई जाती है। असल में यहां लिंग के हिसाब से आपकी वरीयता तय की जाती है। उन्होंने जब मैं 17 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में आई मुझे तभी लग गया कि यहां दिखता कुछ है और वास्तविकता कुछ और होती है।
सबरीमाला विवाद पर बोलीं पार्वती -
पार्वती ने कहा कि सबरीमाला विवाद में मैं कुछ नहीं बोलता चाहती, लेकिन मैं मासिक धर्म और अपवित्रता के हमेशा खिलाफ रही हूं। उन्होंने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हूं। उन्होंने कहा कि लोग समझते हैं कि मासिक धर्म के दौरान महिलाएं अपवित्र होती हैं। ऐसे लोग महिलाओं की पवित्रता को उनकी वजाइना और वर्जिनिटी से जोड़ कर देखते हैं।
आज के समय में लोगों को सोच बदलने की है जरूरत -
पार्वती ने कहा कि लोगों को उनकी सोच बदलने की जरूरत हैं, जो औरतों की पवित्रता को उनकी वर्जिनिटी और उनके मासिक धर्म से जोड़कर देखते हैं। ऐसे लोगों की सोच को बदलकर उसे दूर करने की जरूरत है और इसके लिए कई साल और कई पीढ़ियां लगेंगी, लेकिन शुरुआत तो करनी होगी।
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