लखनऊ में गुरुवार को सिंगार नगर से आलमबाग के बीच मंझे बंधी पतंग गिरने से मेट्रो के ओएचई लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। पिछले कुछ महीनों में इसकी वजह से छह बार मेट्रो रुक चुकी है और दो बार ओवर हेड इलेक्ट्रिक वायर टूट चुका है। जिसके चलते मेट्रो का संचालन कुछ देर के लिए इस्थगित करना पड़ा। लखनऊ मेट्रो रेल निगम (एलएमआरसी) ने इस संबंध में अनाम व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है।
लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन के निदेशक रोलिंग स्टाक महेंद्र कुमार ने बताया कि मेट्रो का संचालन मेटेलिक मांझा से बहुत नुक्सान हो रहा है। मेट्रो के ऊपर लगे ओवर हेड इलेक्ट्रिक वायर में मांझा फंसने से स्पार्किंग होती है और मेट्रो का संचालन में रुकावट आती है। लखनऊ मेट्रो ने इस संबंध में स्थानीय थानों में सुचना भी दी है, लेकिन पुलिस पतंगबाजों व मेटेलिक मांझा बेचने वाले दुकानदारों को रोक नहीं पा रही है।
लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी) के वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी अमित श्रीवास्तव ने बताया कि, जनवरी से अब तक तीन बार तार बंधी पतंग ओएचई में फंस चुकी है। एमडी कुमार केशव के अनुसार दो दिन पहले भी तार बंधी पतंग तार पर गिरी थी। इस बीच गुरुवार शाम को तीसरी बार तार बंधी पतंग से तार क्षतिग्रस्त हो गया। इससे पहले सितंबर 2017 में दुर्गापुरी से चारबाग के बीच ओएचई में स्टील मांझा फसने के कारण 3 घंटे तक मेट्रो रुकी हुई थी।
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