
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल को चेतावनी दी है और ईरान पर किसी भी प्रकार के हमले के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है। ट्रंप ने कहा कि अगर इजरायल ने हमला किया, तो यह युद्धविराम का उल्लंघन होगा। इससे पहले, ट्रंप ने कतर में अमेरिकी एयरबेस पर हमलों के बाद इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम का ऐलान किया था, जिसमें दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमला न करने का वादा किया था। हालांकि, इस घोषणा के कुछ घंटे बाद ही इजरायल ने आरोप लगाया कि ईरान ने फिर से उनके देश पर हमला किया है, जिसके बाद इजरायली रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी थी।
ट्रंप की नाखुशी और इजरायल की हरकतें
मध्य-पूर्व के घटनाक्रम में तेजी से बदलाव के बीच ट्रंप ने कहा कि इजरायल और ईरान दोनों ने उनके द्वारा प्रस्तावित युद्धविराम समझौते का उल्लंघन किया है। ट्रंप ने कहा, "मैं ईरान से खुश नहीं हूं, लेकिन मैं इजरायल से वाकई नाखुश हूं।" उन्होंने आगे कहा कि युद्धविराम समझौते पर सहमति बनने के कुछ समय बाद ही इजरायल ने "अपना हथियार निकाल लिया" और उसने हमला कर दिया।
ट्रंप ने इजरायल को दी चेतावनी
ट्रंप ने इजरायल से कहा, "इजरायल, तुम बम मत गिराओ। यदि तुम ऐसा करते हो, तो यह एक बड़ा उल्लंघन होगा। अपने पायलटों को तुरंत वापस घर बुलाओ।" ट्रंप ने यह भी कहा कि ईरान की परमाणु क्षमता अब खत्म हो चुकी है, और अब इजरायल को और किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।
युद्धविराम और उसके बाद की स्थिति
ट्रंप के प्रस्तावित युद्धविराम को इजरायल और ईरान दोनों ने स्वीकार किया था, जिससे यह उम्मीद की जा रही थी कि मध्य-पूर्व में 12 दिनों से जारी सैन्य संघर्ष समाप्त हो सकता है। युद्धविराम का ऐलान उस समय हुआ जब सोमवार को ईरान ने कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर एक सीमित मिसाइल हमला किया था। इसके बाद, दोनों पक्षों ने युद्धविराम स्वीकार किया, लेकिन मंगलवार की सुबह इजरायल ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हवाई हमले किए। इसके जवाब में, ईरान ने इजरायल पर मिसाइलें दागी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई।
ईरान और इजरायल के बीच तनाव बरकरार
हालांकि, इजरायल की सेना ने कहा कि युद्धविराम के कुछ घंटों बाद ही एक और ईरानी हमले की सूचना मिली थी। इजरायल ने यह भी दावा किया कि युद्धविराम के बावजूद ईरान की मिसाइलों को नष्ट कर दिया गया। इस दौरान, ईरान ने इस आरोप का खंडन किया। यह स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है कि दोनों देशों के बीच युद्धविराम का पालन होगा या दोनों फिर से शत्रुता को बढ़ाएंगे।
इजरायल ने इस महीने की शुरुआत में ईरान पर हमला किया था, जिसमें तेहरान पर परमाणु बम बनाने का आरोप लगाया गया था। इस हमले में ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया और कई परमाणु स्थलों को तबाह किया गया। हालांकि, ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है और उसका कोई सैन्य उद्देश्य नहीं है।
इस युद्धविराम समझौते के बावजूद, इजरायल और ईरान के बीच स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। ट्रंप की चेतावनी से यह स्पष्ट है कि दोनों देशों को अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ सकता है। इस संघर्ष का भविष्य अब इस बात पर निर्भर करेगा कि दोनों पक्ष किस प्रकार के कदम उठाते हैं और युद्धविराम के समझौते का पालन करते हैं या नहीं।
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