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बड़ी ही सादगी से विश्व एकता के रूप में मनाया गया डा. जगदीश गाँधी का 82वाँ जन्मदिन

सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी का 82वाँ जन्मदिवस आज बड़ी ही सादगी पूर्वक विश्व एकता, विश्व शान्ति व सद्भावना से परिपूर्ण माहौल में मनाया गया। मुख्य समारोह सी.एम.एस. प्रधान कार्यालय पर सम्पन्न हुआ

बड़ी ही सादगी से विश्व एकता के रूप में मनाया गया डा. जगदीश गाँधी का 82वाँ जन्मदिन

लखनऊ, 10 नवम्बर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी का 82वाँ जन्मदिवस आज बड़ी ही सादगी पूर्वक विश्व एकता, विश्व शान्ति व सद्भावना से परिपूर्ण माहौल में मनाया गया। मुख्य समारोह सी.एम.एस. प्रधान कार्यालय पर सम्पन्न हुआ, जहाँ सी.एम.एस. शिक्षकों, कार्यकर्ताओ व विभिन्न कैम्पस की प्रधानाचार्याओं के साथ ही अनेकों जानी-मानी हस्तियों ने डा. गाँधी को फूल-मालाओं से लाद दिया। इसके अलावा, आज दिन भर डा. गाँधी को शुभकामना देने वालों का तांता लगा रहा।

इस अवसर पर सभी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि विश्व एकता व विश्व शान्ति के लिए कार्य करने हेतु मुझे आत्मबल प्रदान करें, जिससे सारे विश्व में एकता, शान्ति व सद्भावना का परचम लहरा सके। मुझे विश्वास है कि विश्व एकता का सपना जल्द ही पूरा होगा, नया युग शुरू होने वाला है और मुझे हार्दिक प्रसन्नता है कि सी.एम.एस. के कर्तत्यनिष्ठ कार्यकर्ताओं, शिक्षकों व 57000 छात्रों की बदौलत ‘विश्व एकता की गूंज’ अब सारे विश्व में सुनाई देने लगी है। 

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि डा. गाँधी का जीवन देश ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व के बच्चों के सुखमय सुरक्षित भविष्य को समर्पित है। उनके विचार समाज व देश की सीमाओं से परे सम्पूर्ण विश्व के कल्याण की कामना करते हैं। यह डा. गाँधी के त्याग, तपस्या व लगन का ही परिणाम है कि 5 बच्चों से शुरू हुए सिटी मोन्टेसरी स्कूल में आज 57000 से अधिक बच्चे न सिर्फ शैक्षिक क्षेत्र में परचम लहरा रहे हैं अपितु एकता, शान्ति व सामाजिक समरसता के अग्रदूत बनकर विश्व मानवता के कल्याण को तत्पर हैं। श्री शर्मा ने कहा कि डा. गाँधी जिस तल्लीनता व आत्मबल से विश्व के बच्चों का भविष्य संवारने में जुटे, उसकी दूसरी मिसाल मिलना मुश्किल है। डा. गाँधी वास्तव में इस 21वीं सदी के मसीहा बनकर उभरे हैं।
    

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