वाराणसी कैंटोनमेंट इलाके में बने करीब 50 करोड़ के होटल ‘वेस्ट इन’ का मालिक महेंद्र मौर्या खजुरी में 20X15 फीट के दोमंजिला मकान में रहता है। मकान भी ऐसी संकरी गली में कि दोपहिया वाहन भी मुश्किल से दरवाजे तक पहुंच सकें। उसकी आर्थिक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चार कमरों के मकान में दो कमरों में उसका परिवार रहता है और भूतल के दो कमरे उसने किराए पर दे रखे हैं। गिरफ्तार एआरटीओ आरएस यादव का चालक और दस्तावेजों में होटल का मालिक महेंद्र मौर्या घर छोड़कर फरार हो गया है।
सोमवार की दोपहर ‘अमर उजाला’ की टीम महेंद्र के घर पहुंची। भूतल पर किराएदार थे। काफी देर तक आवाज लगाने के बाद महेंद्र की पत्नी गीता बाहर आई। उसने बताया कि महेंद्र घर पर नहीं है और उसका कोई होटल भी नहीं है। गीता ने साफ कहा कि उसके पति का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। उधर पुलिस भी महेंद्र मौर्या को तलाश रही है। उसे महेंद्र से कई सवालों के जवाब चाहिए। मुहल्ले वाले भी यह जानकर हैरत में हैं कि महेंद्र किसी होटल का मालिक भी है।
करीब 15 साल पहले महेंद्र मौर्या खजुरी, गोला में टीन शेड के दो कमरे में परिवार के साथ रहता था। यादव का चालक बनने के बाद उसके दिन बदलने लगे। यादव की मदद से ही उसने अपने पुराने मकान के पास चार कमरों का नया मकान बनवा लिया। यादव ने महेंद्र के नाम से ही ऑरबिट विनमय प्रा.लि. कंपनी बनाई। दरअसल यादव ने ये बोगस कंपनी कोलकाता से खरीदी थी। बाद में यूपी में इसका रजिस्ट्रेशन कराया। कंपनी के नाम से छावनी क्षेत्र में होटल वेस्ट इन खोला गया। कागजात में तो महेंद्र होटल का मालिक था लेकिन पूरा काम आरएस यादव और एमडी के रूप में उनका बेटा अपूर्व संभालते थे।
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