आगरा : केन्द्र सरकार एक जुलाई से जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) लागू करने जा रही है। इसका विरोध भी हो रहा है। आपको बता दे कि आगरा में कपड़ा व्यापारी तीन दिन बंद रखेंगे। थोक के साथ खुदरा व्यापारी भी हड़ताल पर रहेंगे। जूता व्यापारी पहले से ही ठप चल रहा है|
तीन दिन नहीं खोलेंगे दुकानें
अब तक कपड़े पर सेवाकर नहीं था। सरकार ने कपड़े पर टैक्स लगा दिया है। इसका देशव्यापी विरोध रहा है। उत्तर प्रदेश कपड़ा व्यापार संगठन के महामंत्री टीएन अग्रवाल ने कहा कि कपड़ा दुकानदार 27, 28 और 29 जून को दुकानें नहीं खोलेंगे। सुभाष बाजार तिराहे पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जीएसटी कपड़ा संघर्ष समिति के बैनर तले यह आंदोलन हो रहा है। उत्तर प्रदेश में आगरा को भी सेक्टर बनाया गया है। इसके अलावा सहारनपुर, झांसी, गोरखपुर, कानपुर औऱ बरेली सेक्टर हैं।
सुभाष बाजार तिराहे पर होगा धरना
आगरा में सुभाष बाजार और मुखर्जी मार्केट थोक कपड़ा केन्द्र हैं। यहीं पर हजारों दुकानें हैं। आसपास के जिलों के कपड़ा व्यापारी यहीं से कपड़ा ले जाते हैं। जीएसटी कपड़ा संघर्ष समिति के संयोजक बृज किशोर अग्रवाल के मुताबिक, करीब चार हजार कपड़ा व्यापारी बंद में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने कपड़े को जीएसटी के दायरे में लाकर देश की आम जनता के साथ अन्याय किया है। सुभाष बाजार तिराहे पर दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक धरना-प्रदर्शन होगा। इसमें आसपास के कस्बों के व्यापारी भी शामिल होंगे। कपड़ा व्यापारी सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं कि कपड़े को जीएसटी से बाहर किया जाए।
जूता कारोबार भी बंद
बता दें कि आगरा के जूता कारोबारी भी केन्द्र सरकार की मुखालफत कर रहे हैं। उन्होंने जूता को जीएसटी से बाहर रखने की मांग की है। हींग की मंडी में जूता का मुख्य कारोबार होता है। जूता कारोबारियों ने भी तीन दिन के लिए कारोबार बंद कर रखा है। गागनदास रामानी का कहना है कि केन्द्र सरकार को अपना निर्णय वापस लेना होगा।
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