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अब PAK को तीन तरफ से घेरने की तैयारी

भारत ने इंटरनेशनल फोरम पर पहली बार बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया है। जेनेवा में यूनाइटेड नेशन्स ह्यूमन राइट्स काउंसिल के 33rd सेशन में भारत ने कहा कि पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में बड़े पैमाने पर ह्यूमन राइट्स का वॉयलेशन हो रहा है।

अब PAK को तीन तरफ से घेरने की तैयारी

भारत ने इंटरनेशनल फोरम पर पहली बार बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया है। जेनेवा में यूनाइटेड नेशन्स ह्यूमन राइट्स काउंसिल के 33rd सेशन में भारत ने कहा कि पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में बड़े पैमाने पर ह्यूमन राइट्स का वॉयलेशन हो रहा है। इसी बीच, न्यूयॉर्क में यूएन हेडक्वार्टर्स के बाहर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हुआ और 'बलूचिस्तान दूसरा बांग्लादेश' का नारा गूंजा। वहीं, भारत ने इसी महीने में पाकिस्तान को तीन तरफ से घेरने की तैयारी कर ली। भारत, अफगानिस्तान और अमेरिका एक साथ मिलकर पाक पर दबाव बनाएंगे। भारत ने कहा- पाक का ट्रैक रिकॉर्ड खराब...


- जेनेवा में यूनाइटेड नेशन्स के लिए भारत के परमानेंट रिप्रेजेंटेटिव अजित कुमार ने कहा, ''कश्मीर में अशांति का मुख्य कारण सीमा पार से होने वाला आतंकवाद है। पाकिस्तान आतंक को स्पॉन्सर करता है और वहां की अवाम को भड़काता है। पाकिस्तान का खराब ट्रैक रिकार्ड पूरी दुनिया जानती है।"
- उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से लगातार कहा जा रहा कि वह सीमा पार आतंकवाद रोके, आतंकियों के ठिकाने खत्म करे। 
- कुमार ने कहा कि भारत अमनपसंद और जम्हूरियत वाला देश है। हम अपनी जनता के वेलफेयर के लिए काम करते हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान में लोकतंत्र नहीं है और बड़े पैमाने पर ह्यूमन राइट्स वॉयलेशन होते हैं। पाकिस्तान ऐसा देश है जो बड़े सोचे-समझे तरीके से बलूचिस्तान और पीओके के साथ अपने ही लोगों के ह्यूमन राइट्स को कुचल देता है।


'भारत बलूचिस्तान की मदद करो' के नारे
- उधर, न्यूयॉर्क में बलूच एक्टिविस्ट्स के एक समूह ने यूएन हेडक्वार्टर्स के बाहर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया और आजादी की मांग बुलंद की। यह प्रदर्शन फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट (एफबीएम) की ओर से किया गया।
- प्रदर्शनकारियों ने हाथ में 'बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद करो', 'बलूचिस्तान में बमबारी बंद करो' और 'बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है' के नारों वाले बैनर लिए हुए थे। उनके हाथों में अमेरिकी और बलूच झंडे भी थे। 
- कुछ लोग नारे लगा रहे थे, 'भारत बलूचिस्तान की मदद करो' 'यूएन, यूएन कहां हो तुम', 'पाकिस्तान को धन देना बंद करो', 'बलूचिस्तान दूसरा बांग्लादेश है' और 'बलूचिस्तान को तोड़ना बंद करो'।


पाकिस्तान को ऐसे तीन तरफ से घेरने की तैयारी
- सितंबर के आखिर में यूएन जनरल असेंबली के दौरान न्यूयॉर्क में भारत-अमेरिका-अफगानिस्तान के बीच बातचीत होगी। इससे आतंकवाद के खिलाफ तीनों देशों की स्ट्रैटजी को और मजबूती मिलेगी।
(1) भारत:मोदी इंडिपेंडेंस डे पर लाल किले से अपनी स्पीच में बलूचिस्तान और पाक के आतंक फैलाने का मुद्दा उठा चुके हैं। एक महीने से दोनों देशों के बीच कश्मीर और बलूचिस्तान पर बयानबाजी हो रही है। अब भारत ने पहली बार यूएन जैसे फोरम पर बलूचिस्तान का मुद्दा उठा दिया है।
(2) अमेरिका:ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन बलूचिस्तान पर भारत के रुख का खुलकर सपोर्ट तो नहीं करता, लेकिन पाकिस्तान स्पॉन्सर्ड टेररिज्म पर उसका रुख सख्त होता जा रहा है। यूस ने एफ-16 फाइटर प्लेन की बिक्री रोकने के साथ पाक को आतंकवाद के खिलाफ अभियान के लिए 30 करोड़ डॉलर की सालाना मदद भी रोक दी है। 
(3) अफगानिस्तान:प्रेसिडेंट अशरफ गनी ने बुधवार को दिल्ली में मोदी से मुलाकात की और पाकिस्तान के खिलाफ खुलकर बोले। उन्होंने कहा कि जो हमें रोकने की कोशिश कर रहे हैं, हम उन्हें रोक देंगे। आतंकवाद सांप की तरह डसता है। यह टलने वाला खतरा नहीं है। गनी दूसरी बार भारत के दौरे पर आए थे।

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