बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के मामले पर सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने ये बात कही कि अब तीन तलाक के मामले में बीवी की मर्जी शामिल की जा सकती है, बिना बीवी की मर्जी के शौहर तुरंत वाला तीन तलाक नहीं देगा |
गुरुवार को एक बार फिर से एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के सामने तीन तलाक मामले पर एक हल के रूप में इसी बात को दोहराया है, वहीं ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी के सदस्य एसक्यूआर इलियास का कहना है कि ‘हम सभी काजियों को एक एडवाइजरी जारी करेंगे, वो लोगों को बताए कि अगर तलाक की स्थिति आती है तो पहले मध्यस्ता करते हुए सुलह कराने की कोशिश का सहारा लेंगे उन्होंने बताया कि निकाहनामे में भी ये शर्त जोड़ी जाएगी, ऐसी शर्त जोड़ने की गुंजाइश शरीयत में भी है |
इलियास का कहना है कि अगर बीवी चाहे तो निकाहनामे में ये भी जोड़ा जाएगा कि तुरंत वाला तीन तलाक तब तक लागू नहीं होगा जब तक उसे बीवी उसका समर्थन न करे |
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