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महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में एकता व शान्ति का परचम लहरायेगी CMS की झाँकी

सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में इस वर्ष गणतन्त्र दिवस परेड में ‘ऐसा मस्तिष्क बनाओ, जैसा था बापू का’ विषयक झाँकी प्रदर्शित की जा रही है। यह झाँकी बनकर लगभग तैयार हो चुकी है।

महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में एकता व शान्ति का परचम लहरायेगी CMS की झाँकी

लखनऊ, 20 जनवरी। सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में इस वर्ष गणतन्त्र दिवस परेड में ‘ऐसा मस्तिष्क बनाओ, जैसा था बापू का’ विषयक झाँकी प्रदर्शित की जा रही है। यह झाँकी बनकर लगभग तैयार हो चुकी है। सी.एम.एस. की यह अनूठी झाँकी आज यहाँ आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों को दिखाई गई। इस अवसर पर सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने झाँकी के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि सी.एम.एस. की यह झाँकी जनमानस को ‘सर्वधर्म समभाव’, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ एवं ‘जय जगत’ का संदेश देगी, साथ ही महात्मा गाँधी की ‘त्याग, सत्य और अहिंसा की नीति’ के जरिये विश्व समाज में एकता व शान्ति स्थापना की अपील करेगी। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के बताये रास्ते पर चलकर ही विश्व समाज में अमन-चैन का वातावरण स्थापित किया जा सकता है। डा. गाँधी ने विश्वास व्यक्त किया कि यह झाँकी गणतन्त्र दिवस परेड में जनमानस के विशेष आकर्षण का केन्द्र होगी।

इस अवसर पर सी.एम.एस. स्टेशन रोड कैम्पस की छात्राओं ने झाँकी गीत ‘ऐसा मस्तिष्क बनाओ, जैसा था बापू का, जैसा था गाँधी का’ की प्रेरणादायी पंक्तियों पर मनभावन नृत्य प्रस्तुतिकरण द्वारा सभी का मन मोह लिया तथापि झाँकी गीत के माध्यम से राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के बताये रास्ते पर चलने का आह्वान किया। झाँकी गीत पर मनमोहक प्रदर्शन करने वाली सी.एम.एस. स्टेशन रोड कैम्पस की छात्राओं में सृष्टि तिवारी, तनुश्री, उन्नति शुक्ला, पलक तिवारी, रिद्धिमा अग्रवाल, जान्हवी मिश्रा, अनुष्का, हिमाशी अमरनानी, छवि एवं विदुषी सिंह शामिल हैं।

प्रेस कान्फ्रेन्स में बोलते हुए डा. गाँधी ने कहा कि महात्मा गाँधी के 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में सिटी मोन्टेसरी स्कूल झाँकी के माध्यम से बापू के सत्य, अहिंसा, एकता व शान्ति के विचारों को सारे विश्व में प्रचारित-प्रवाहित कर रहा है। डा. गाँधी ने आगे कहा कि सी.एम.एस. की यह झाँकी मात्र प्रदर्शन भर के लिए नहीं है अपितु इसके पीछे एक उद्देश्य है कि महात्मा गाँधी के विचारों को अमल में लाकर पृथ्वी पर आध्यात्मिक सभ्यता की स्थापना की जाये।

झाँकी की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए डा. गाँधी ने बताया कि सी.एम.एस. की झाँकी चार भागों में हैं और सभी भाग एक अनूठे ढंग से मानवता के कल्याण का का संदेश दे रहे हैं। झाँकी के प्रथम भाग में महात्मा गाँधी की प्रतिमा के सामने तीन बंदरों को उनके तीन महत्वपूर्ण विचारों ‘बुरा मत सुनो, ‘बुरा मत कहो’ और ‘बुरा मत देखों’ के साथ प्रदर्शित किया गया है। झाँकी के द्वितीय भाग में विभिन्नता में एकता प्रदर्शित करते हुए एक ही छत के नीचे मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरूद्वारा, बौद्ध विहार, बहाई मंदिर आदि विभिन्न पूजा स्थल दिखाये गये हैं। इसी छत के नीचे सी.एम.एस. छात्र ‘ऐसा मस्तिष्क बनाओ, जैसा था बापू का, जैसा था गाँधी का’ गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर रहे हैं। झाँकी के तृतीय भाग मेंं ‘वसुधैव कुटुम्बकम् तथा ‘जय जगत्’ का संदेश दिया गया है जबकि चौथे भाग में एक बार पुनः महात्मा गाँधी की प्रतिमा तथा उस प्रतिमा के सामने तीन बंदरों को महात्मा गाँधी के तीन महत्वपूर्ण विचारों का संदेश देते हुए दिखाया गया है।

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