
PM Modi Created History: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की वैश्विक छवि को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। जहां कांग्रेस के 5 प्रधानमंत्रियों — नेहरू, इंदिरा, राजीव, मनमोहन और नरसिंह राव — 70 वर्षों में कुल 17 बार विदेशी संसदों को संबोधित कर पाए, वहीं पीएम मोदी ने सिर्फ 11 साल में 17 देशों की संसदों को संबोधित कर यह रिकॉर्ड बराबर कर दिया है।
संसदों को संबोधित करने में मोदी का ऐतिहासिक रिकॉर्ड
पीएम मोदी का हालिया दौरा घाना, त्रिनिदाद एवं टोबैगो और नामीबिया जैसे देशों तक पहुंचा, जहां उन्होंने संबंधित देशों की संसदों को संबोधित किया। इसके साथ ही उनकी कुल संख्या 17 हो गई।
कांग्रेस प्रधानमंत्रियों का आंकड़ा:
प्रधानमंत्री | संसद संबोधन की संख्या |
---|---|
मनमोहन सिंह | 7 |
इंदिरा गांधी | 4 |
जवाहरलाल नेहरू | 3 |
राजीव गांधी | 2 |
पीवी नरसिंह राव | 1 |
कुल | 17 (70 साल में) |
मोदी ने किन-किन देशों की संसदों को संबोधित किया:
- अमेरिका
- ऑस्ट्रेलिया
- ब्रिटेन
- नेपाल
- मंगोलिया
- भूटान
- श्रीलंका
- मॉरीशस
- मालदीव
- गुयाना
- फिजी
- युगांडा
- घाना
- त्रिनिदाद और टोबैगो
- नामीबिया
(कुछ देशों की संसदों को एक से अधिक बार संबोधित किया गया है)
भारत की बढ़ती वैश्विक प्रासंगिकता
एक अधिकारी के मुताबिक, “पीएम मोदी के संबोधन केवल भाषण नहीं होते, ये भारत की लोकतांत्रिक शक्ति, विकास यात्रा, वैश्विक सहयोग और ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज़ बनने का प्रतीक हैं।”
इसका क्या मतलब है?
- भारत अब केवल एक क्षेत्रीय शक्ति नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक खिलाड़ी बन चुका है।
- ‘ग्लोबल साउथ’ (विकासशील देशों) में भारत की बात को ध्यान और सम्मान से सुना जा रहा है।
- विदेशी संसदों में मोदी की उपस्थिति भारत के लिए सामरिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से लाभकारी साबित हो रही है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह रिकॉर्ड सिर्फ संख्यात्मक उपलब्धि नहीं, बल्कि यह 21वीं सदी के भारत की बढ़ती साख और असरदार विदेश नीति का प्रमाण है।
जहां पहले भारत 'गुटनिरपेक्ष आंदोलन' तक सीमित था, वहीं अब भारत ‘वैश्विक नेतृत्व’ की ओर बढ़ता राष्ट्र बन चुका है — और इसके केंद्र में हैं प्रधानमंत्री मोदी।
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