
राम मंदिर निर्माण को लेकर देशभर में छिड़ी बहस के बीच दिवाली के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अयोध्या नगरी पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या करने का ऐलान कर दिया। फैजाबाद का नाम बदलने की मांग काफी समय से उठ रही थी। इससे पहले इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया जा चुका है। फैज़ाबाद कभी अवध प्रदेश की राजधानी कहलाती थी। लखनऊ से करीब 130 किलोमीटर की दूरी पर सरयू किनारे स्थित फैजाबाद की नींव अवध के दूसरे नवाब सआदत अली खान ने रखी थी। वह पहले नवाब थे, जिन्होंने फैजाबाद को छावनी बनाया। उनके उत्तराधिकारी शुजाउददौला ने फैजाबाद को अवध की राजधानी घोषित कर दिया था।
शुजाउददौला के शासनकाल में ही फैजाबाद ने प्राप्त की थी समृद्धि -
फैजाबाद को शहर के तौर पर लगभग 220 साल पहले विकसित किया गया। अवध के एक और नवाब सफदर जंग (1739-54) ने इसे अपने सैन्य मुख्यालय के रूप में विकसित किया था, जिसके बाद शुजाउददौला ने यहां किले का निर्माण कराया। फैजाबाद को एक जमाने में छोटा कलकत्ता या बंगाल भी कहा जाता था। शुजाउददौला के शासनकाल में ही फैजाबाद ने समृद्धि प्राप्त की।
फैजाबाद रामायण काल में साकेत नाम से था विकसित -
रामायणकाल में फैजाबाद का नाम साकेत था। अयोध्या नगरी फैजाबाद जिले में ही आती है, अब जिले का नाम भी बदलकर अयोध्या कर दिया गया है। भगवान राम जब वनवास के लिए जा रहे थे तब भरत उनसे मिलने जिस जगह पर आए थे, वह फैजाबाद मुख्यालय से सिर्फ 15 किमी की दूरी पर है। यहां भरतकुंड बना हुआ है।
अयोध्या विवाद के मुस्लिम पक्षकार ने भी दी नाम बदलने पर सहमति
कुछ दिनों पहले और विश्व हिंदू परिषद ने फैजाबाद का नाम बदलने की मांग भी उठाई थी। विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि इलाहाबाद को 450 साल के बाद प्रयागराज किया गया। अब फैजाबाद को भी अयोध्या किया जाना चाहिए। अयोध्या विवाद के मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या करने पर सहमति जताई। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि नाम बदला जा रहा है तो अयोध्या का विकास भी किया जाए।
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