
भगवान शिव ऐसे देवता हैं जो प्राणों की रक्षा करने से लेकर बल, साहस, सर्वत्र विजय, धन संपदा प्रदान करते हैं। शिव की पूजा के लिए किसी आडंबर और विधिवत पूजा पद्धति की भी आवश्यकता नहीं है। मानसिक रूप से पूजन सामग्रियों का ध्यान करते हुए शिव को अर्पित की जाए तो उन्हें स्वीकार हो जाती है और वे प्रसन्न हो जाते हैं। समस्त ब्रह्मांड, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष और तंत्र शास्त्र के जनक भगवान शिव के परम प्रिय दिन महाशिवरात्रि पर कुछ ऐसे अचूक उपाय आप भी कर सकते हैं जो संसार की समस्त भौतिक, अभौतिक वस्तुएं सहज ही उपलब्ध करवा देते हैं। इस साल महाशिवरात्रि 13 फरवरी को मनाई जाएगी। आइये जानते हैं वे कौन-कौन से उपाय हैं जो आपको शिव के कृपापात्र बनाते हैं:
१. शरीर के लिए भगवान शिव मृत्यु के देवता भी कहे जाते हैं। शिव की आराधना, उपासना से कठिन से कठिन रोग भी दूर हो जाते हैं। यदि आपके परिवार में किसी न किसी सदस्य को बीमारी आती रहती है तो महाशिवरात्रि के दिन काले पत्थर के शिवलिंग का दूध और घी से अभिषेक करें। इसके पश्चात शिवलिंग पर सवा पाव अक्षत अर्पित करें और महामृत्युंजय मंत्र के 11 माला जाप करें। उसके पश्चात शिवलिंग पर से थोड़ा सा अक्षत लेकर उसे सफेद कपड़े में बांधकर रोगी के सिरहाने रखें। तीन दिन में रोगी ठीक हो जाएगा। उसके ठीक होते ही सिरहाने रखी अक्षत की पोटली किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें।
२. यदि आप नौकरी में तरक्की पाना चाहते हैं। कोई बड़ा पद हासिल करना चाहते हैं। समाज और परिवार में आपकी प्रतिष्ठा, सम्मान कम है तो आप शिवरात्रि पर केसर के दूध से शिवजी का अभिषेक करें। इससे सूर्य ठीक होता है और मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा प्राप्त होता है।
३. कई लोगों को बार-बार वाहन दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। इससे बचने के लिए शिवरात्रि पर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर 1008 बिल्वपत्र और 1008 धतूरे अर्पित करें। इससे दुर्घटनाओं से बचाव होता है।
४. भगवान शिव को गन्ना अति प्रिय है। गन्ने में महालक्ष्मी का वास होता है। यदि शिवरात्रि पर भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक किया जाए तो धन संपदा की कोई कमी नहीं रहती है। इससे शिव भी प्रसन्न होते हैं और लक्ष्मी भी। स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से शिव महिम्नस्तोत्र की 21 आवृत्ति के साथ अभिषेक करना चाहिए। इस प्रयोग से व्यापार में वृद्धि होती है। अटका हुआ धन प्राप्त हो जाता है।
५. शत्रु परेशान कर रहे हों। आर्थिक और शारीरिक हानि पहुंचाने का प्रयास कर रहे हों तो शत्रु का नाम लेते हुए शिवलिंग पर काले तिल और उड़द अर्पित करें। शिवरात्रि से प्रारंभ करते हुए 21 दिनों तक शिवलिंग पर प्रतिदिन जल अर्पित करें। शाम के समय शिवमंदिर में दीपक जलाएं। इससे शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। शत्रुओं का नाश होगा।
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