देहरादून ! यदि इच्छाशक्ति हो तो कोई भी कार्य संभव नहीं है। हरीश रावत सरकार के पास इसी इच्छाशक्ति का अभाव है। इसलिये विकास से जुड़े कार्य प्रदेश में नहीं हो पा रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को सत्ता में आए लंबा समय हो गया है लेकिन सरकार ने ऐसा कोई भी कार्य नहीं किया जिससे यह मालूम पड़े कि सरकार जनहित से जुड़े कायरे को पूरी ताकत के साथ कर रही है। पौड़ी के सांसद व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल (अवकाश प्राप्त) भुवन चंद्र खंडूरी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि जो कार्य सरकार द्वारा किए जाने चाहिए। वे नहीं हो रहे हैं। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा के बाद से अभी भी संपर्क मार्ग और पुलियों की मरम्मत नहीं हुई है। बिजली, पेय जल और प्राथमिक उपचार केंद्र अब भी दम तोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जन सरोकार से जुड़े कायरे को तो सरकार ही करेगी। लेकिन सरकार की रुचि ही इन कायरे में नहीं है। जो गंभीर चिंता का विषय है। खंडूरी ने कहा कि सरकार किसी की हो। यदि वह ठान ले कि विकास कायरे पर ही सरकार को ध्यान देना है तो वह कार्य निश्चित रूप से होगा। इसमें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि दरअसल कांग्रेस की सरकार महज बिना काम किया ही वाह-वाही लुटने में जुटी हुई है लेकिन इससे तो जन समस्याएं खत्म नहीं होंगी। बीसी खंडरी ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का काफी अभाव है। लेकिन सरकार बार-बार एक ही बात कहती है कि प्रदेश में सब कुछ ठीक चल रहा है। इसलिये सरकार को गैर जिम्मेदाराना बयान के बजाय जमीनी कार्य पर विशेष रूप से कसरत करनी चाहिये ताकि प्रदेश का भला हो सके।
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