होम अगर यूपी का हुआ बंटवारा, तो बंटेगा ये भी राज्य

देशउत्तर प्रदेश

अगर यूपी का हुआ बंटवारा, तो बंटेगा ये भी राज्य

यूपी के बंटवारे की बात कुछ दिनों से चल ही रही है,अब यह तय हो गया है कि अगर उत्‍तर प्रदेश का बंटवारा होता है तो इस राज्‍य का भी बंटवारा होगा. काफी दिनों से उस राज्‍य के एक हिस्‍से में भी अलग राज्‍य के मुद्दे को लेकर आंदोलन चल रहा है, वह राज्‍य है महाराष्‍ट्र।

अगर यूपी का हुआ बंटवारा, तो बंटेगा ये भी राज्य

यूपी के बंटवारे की बात कुछ दिनों से चल ही रही है,अब यह तय हो गया है कि अगर उत्‍तर प्रदेश का बंटवारा होता है तो इस राज्‍य का भी बंटवारा होगा. काफी दिनों से उस राज्‍य के एक हिस्‍से में भी अलग राज्‍य के मुद्दे को लेकर आंदोलन चल रहा है, वह राज्‍य है महाराष्‍ट्र।

महाराष्‍ट्र में विदर्भ के इलाके के लोग अलग राज्‍य की मांग का अलख जगा चुके हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय से पहले ही अलग विदर्भ राज्‍य की मांग उठी थी, लेकिन तात्‍कालिक राजनीतिक हालात के चलते ऐसा संभव नहीं हो सका था।

बीच-बीच में इसके लिए आंदोलन भी हुए. आंध्र प्रदेश के बंटवारे के समय पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के समय में भी इसे लेकर आवाज मुखर हुई, लेकिन तत्‍कालीन सरकार ने इस पर कोई ध्‍यान नहीं दिया और केवल आंध्र प्रदेश का बंटवारा कर दिया। 

अब एक बार फिर से जब उत्‍तर प्रदेश के बंटवारे की चर्चा तेज हुई है, तब से अलग विदर्भ राज्‍य को लेकर भी आवाज उठने लगी है. खुद महाराष्‍ट्र से ताल्‍लुकात रखने वाले केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने इसकी पैरवी करने की बात कही है. उन्‍होंने तो यह भी कहा है कि इसके लिए वे गृह मंत्री अमित शाह से अलग से बात करेंगे। 

रामदास अठावले का कहना है, 'हमारी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के विभाजन की मांग को आगे रखेगी. पूर्वांचल को उत्‍तर प्रदेश से और विदर्भ को महाराष्ट्र से अलग करने की जरूरत है.' रामदास अठावले ने इसे लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखने की बात कही है। 

इससे पहले 22 सितंबर को रामदास अठावले वाराणसी पहुंचे थे. इस दौरान भी उन्होंने उत्‍तर प्रदेश को अलग करने की मांग की थी. रामदास अठावले ने कहा कि अमित शाह से मिलकर पूर्वांचल को अलग प्रदेश बनाकर राजधानी बनारस करने की मांग की जाएगी. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी उत्‍तर प्रदेश के बंटवारे को लेकर बयान दिया था। 

नागपुर शहर की अपनी अलग पहचान है. अलग विदर्भ राज्‍य बना तो नागपुर ही राजधानी होगी. एक राजधानी के लिए जरूरी बुनियादी सुविधाएं यहां मौजूद हैं. देशभर में इस शहर की अपनी एक पहचान है. इसे संतरों के शहर के रूप में जाना जाता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस का यहां मुख्यालय है. कपास की एक बड़ी मंडी भी यहां है. हालांकि विदर्भ के दूसरे 10 शहर विकास से वंचित हैं और गांवों की हालत और भी खस्‍ता है. किसानों का आत्‍महत्‍या करना यहां आम बात है. यहां के लोगों की शिकायत है कि उनके साथ भेदभाव होता है। 

बीजेपी अलग विदर्भ राज्‍य के समर्थन में है तो शिवसेना इसके विरोध में है. बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी यहां से लोकसभा चुनाव जीतते रहे हैं. नितिन गडकरी आश्‍वासन देते रहे हैं कि उनकी सरकार अलग विदर्भ राज्‍य को आकार देगी, लेकिन शिवसेना के विरोध के चलते ऐसा अभी तक संभव होता नहीं दिख रहा है. शिवसेना ने इशारों में कह दिया है कि अगर भाजपा ने इस मुद्दे को उछाला तो वो ये दोस्ती ख़त्म भी कर सकती है।

नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Twitter, व Google News पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।

Most Popular

(Last 14 days)

Facebook

To Top