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विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन सी.एम.एस. में 16 नवम्बर से

इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग हेतु 19 देशों के पूर्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गवर्नर-जनरल, संसद के अध्यक्ष, न्यायमंत्री, इण्टरनेशनल कोर्ट के न्यायाधीश, विश्व प्रसिद्ध शान्ति संगठनों के प्रमुख समेत 70 देशों के 300 से अधिक मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद् लखनऊ पधार रहे हैं।

विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन सी.एम.एस. में 16 नवम्बर से

लखनऊ, 28 अक्टूबर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का 19वाँ अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ 16 से 20 नवम्बर 2018 तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग हेतु 19 देशों के पूर्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गवर्नर-जनरल, संसद के अध्यक्ष, न्यायमंत्री, इण्टरनेशनल कोर्ट के न्यायाधीश, विश्व प्रसिद्ध शान्ति संगठनों के प्रमुख समेत 70 देशों के 300 से अधिक मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद् लखनऊ पधार रहे हैं। यह जानकारी आज यहाँ होटल क्लार्क अवध, हजरतगंज, लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक, प्रख्यात शिक्षाविद् व अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के संयोजक डा. जगदीश गाँधी ने पत्रकारों को दी।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए डा. गाँधी ने बताया कि ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ पर आधारित यह ऐतिहासिक सम्मेलन विश्व एकता, विश्व शान्ति एवं विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य को समर्पित है। लखनऊ की सरजमीं पर विगत 18 वर्षों से लगातार आयोजित किये जा रहे इस ऐतिहासिक सम्मेलन के माध्यम से सिटी मोन्टेसरी स्कूल पूरे विश्व में एकता, शान्ति, न्याय व बच्चों के अधिकारों की अलख जगा रहा है एवं इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का 19वाँ अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ आयोजित किया जा रहा है।

प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए डा. गाँधी ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पधारने वाली प्रख्यात हस्तियों में माननीय कगामे मोटलैन्थे, पूर्व राष्ट्रपति, दक्षिण अफ्रीका; माननीय श्री स्टीपन मेसिक, पूर्व राष्ट्रपति, क्रोएशिया; माननीय श्री कासम उत्तीम, पूर्व राष्ट्रपति, मॉरीशस; माननीया सुश्री अमीनाह गुरीब-फाकिम, पूर्व राष्ट्रपति, मॉरीशस; माननीय एन्थोनी थॉमस अकीनास कारमोना, राष्ट्रपति, त्रिनिदाद एण्ड टोबैको; श्री इकोबा टी. इटालेली, गवर्नर-जनरल, तुवालू; माननीय डा. पकालिथा बी. मोसिलिली, प्रधानमंत्री, लेसोथो; प्रो. ऐरोन मिशैल ओकाये, संसद सभापति, घाना; माननीया श्रीमती शान्तीबाई हनूमानजी, संसद सभापति, मॉरीशस; माननीय सुश्री रेबेका कडागा, संसद सभापति, उगांडा; माननीय सुश्री जॉकी चैन्टल नुरून्जिजा, संसद उप-सभापति, बुरूण्डी; माननीय श्री मोहम्मद अवज्जार, न्यायमंत्री, मोरक्को; माननीय डा. अब्दुल बशीर अनवर, न्यायमंत्री, अफगानिस्तान; माननीय श्री मोहम्मद ओगाड, न्यायमंत्री, माली; माननीय श्री हारून अली सुलेमान, न्यायमंत्री, तंजानिया; माननीय श्री कू खेमलिन, डेप्यूटी डायरेक्टर-जनरल ऑफ ज्यूडिशियल डेवलपमेन्ट, न्याय मंत्रालय, कम्बोडिया, माननीय सुश्री हेलना एन केनेडी, संसद सदस्या, ग्रेट ब्रिटेन; डा. आगस्टो लोपेज क्लारोस, अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्री, अमेरिका; श्री मैन ही ली, चेयरमैन, एचडब्ल्यूपीएल, साउथ अफ्रीका; डा. हांग टो टेज, प्रेसीडेन्ट, फेडरेशन ऑफ वर्ल्ड पीस एण्ड लव, ताईवान; प्रो. हो चेंग हांग, प्रेसीडेन्ट, नेशनल सिंग हुआ यूनिवर्सिटी, ताईवान; माननीय न्यायमूर्ति श्री एन्टोनियो केसी-एमबी मिन्डुआ, न्यायाधीश, इण्टरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट, नीदरलैण्ड आदि प्रमुख हैं।

इसके अलावा, इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग हेतु 70 देशों से 300 से अधिक मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश, कानूनविद् एवं शान्ति संगठनों के प्रतिनिधि लखनऊ पधार रहे हैं। सम्मेलन के प्रतिभागी देशों में अफगानिस्तान, अर्जेन्टीना, बांग्लादेश, बेनिन, भूटान, बोलिविया, बोस्निया एण्ड हर्जेगोविना, बोत्सवाना, ब्राजील, बुर्कीना फासो, बुरूण्डी, कम्बोडिया, कोस्टारिका, कैमरून, कोमोरोस, कोस्टारिका, क्रोएशिया, इक्वाडोर, इजिप्ट, इरीटिया, घाना, ग्रेट ब्रिटेन, ग्वाटेमाला, गुयाना, इजराइल, जमैका, जापान, किर्गिज रिपब्लिक, लेबनान, लेसोथो, लीबिया, मैसीडोनिया, मेडागास्कर, मलावी, माली, मॉरीशस, मंगोलिया, मोरक्को, मोजाम्बिक, म्यांमार, नेपाल, नीदरलैण्ड, निकारागुआ, नाईजर, पराग्वे, पेरू, फिलीपीन्स, रूस, सेनेगल, सेशल्स, सोमालिया, साउथ अफ्रीका, साउथ कोरिया, साउथ सूडान, सूडान, सूरीनाम, स्वाजीलैण्ड, ताईवान, तंजानिया, थाईलैण्ड, त्रिनिदाद एण्ड टोबैको, टोगो, ट्यूनीशिया, तवालू, युगाण्डा, अमेरिका, वेनेजुएला, जाम्बिया, जिम्बाब्वे एवं भारत प्रमुख हैं।

इस ऐतिहासिक सम्मेलन की विस्तृत रूपरेखा बताते हुए डा. गाँधी ने कहा कि विभिन्न देशों के न्यायविद्, कानूनविद् व अन्य प्रख्यात हस्तियाँ 14 नवम्बर को दिल्ली से आगरा के लिए प्रस्थान करेंगे और वहाँ पर ताजमहल  समेत अन्य ऐतिहासिक इमारतों का दीदार करेंगे। इसके साथ ही, 14 नवम्बर को इन प्रख्यात हस्तियों के सम्मान में राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभा, बहाई द्वारा सायंकालीन भोज का आयोजन दिल्ली स्थित बहाई हाउस (लोटस टेम्पल) में किया गया है। 15 नवम्बर को प्रातः 10.30 बजे ये सभी नामचीन हस्तियाँ नई दिल्ली में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 
समाधि ‘राजघाट’ जाकर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे एवं इसके उपरान्त अपरान्हः 12.30 बजे से होटल ली-मेरीडियन में सम्मेलन के प्रथम सत्र को सम्बोधित करेंगे। 16 नवम्बर को विभिन्न देशों के न्यायविद्, कानूनविद् व अन्य प्रख्यात हस्तियाँ नई दिल्ली से लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे एवं प्रातः 10.10 बजे अमौसी एअरपोर्ट पर पधारेंगे, जहाँ इन प्रख्यात हस्तियों का बैण्ड-बाजे की धुन व फूल-मालाओं के साथ लखनऊ की सरजमीं पर भव्य स्वागत-अभिनन्दन किया जायेगा।

डा. गाँधी ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों व विशिष्ट अतिथियों के ‘स्वागत समारोह’ से होगा जो कि 16 नवम्बर को सायं 5.30 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड परिसर में बड़ी भव्यता से आयोजित किया जायेगा। इससे पहले, ये सभी न्यायविद् व कानूनविद् अपरान्हः 1.15 बजे पत्रकारों से भी रूबरू होंगे। 17 नवम्बर को प्रातः 9.00 बजे इस ऐतिहासिक सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन होगा एवं इसके उपरान्त 18 एवं 19 नवम्बर को विभिन्न पैरालल सेशन्स आयोजित किये जायेंगे, जिसमें देश-विदेश की प्रख्यात हस्तियां अपने सारगर्भित विचारों से जीवन मूल्यों, एकता, शान्ति, न्याय, ज्ञान व मानव अधिकारों की रक्षा पर आधारित एक नई विश्व व्यवस्था का अलख जगायेंगे। इसके अलावा, 17 नवम्बर को प्रातः 8.00 बजे विभिन्न देशों से पधारे न्यायविद्, कानूनविद् व राष्ट्र प्रमुख सी.एम.एस. छात्रों व शिक्षकों के ‘विश्व एकता मार्च’ का नेतृत्व कर ‘विश्व एकता व विश्व शान्ति’ का उद्घोष करेंगे।

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल विश्व के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु पिछले 18 वर्षो से लगातार इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन को आयोजित कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह महासम्मलेन दुनिया को एकता के सूत्र में पिरोने और विश्व के दो अरब बच्चों का भविष्य बचाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा और पूरे विश्व समाज को एक नई दिशा देगा। 

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