केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक बार फिर से सभी लोगों को अंतिम तारीख याद दिलाने के लिए बुधवार को इसके बारे में बताया कि अप्रैल की पहली तारीख से सभी सार्वजिनक बसों, टैक्सियों और तिपहिया वाहनों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) और पैनिक बटन लगाना अनिवार्य होगा।
नहीं बढ़ेगी डेडलाइन
सड़क परविहन मंत्रालय ने ट्वीट कर इसके बारे में सभी को जानकारी भी दी कि '1 अप्रैल, 2018 से यात्रियों को लेकर आने-जाने वाली बस, टैक्सी समेत सभी सार्वजनिक वाहनों में जीपीएस डिवाइस लगाना अनिवार्य होगा।' मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यह तारीख अंतिम है। इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
सीसीटीवी भी लगवाना चाहती थी सरकार
अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल तिपहिया वाहनों और ई-रिक्शा को इससे बाहर रखा गया है लेकिन जल्द ही इन्हें शामिल किया जा सकता है। तिपहिया वाहनों को बाहर रखने के पीछे सरकार का कहना है कि यात्री बंद वाहन में खुद को ज्यादा असुरक्षित महसूस करते हैं। इससे पहले 23 से ज्यादा सीटों वाली बसों में मंत्रालय की तरह से सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश भी जारी हुआ था लेकिन यात्रियों की निजता को देखते हुए इस आदेश को वापस ले लिया गया।
ऐसे काम करेगा पैनिक बटन
जीपीएस डिवाइस के साथ जो सबसे महत्वपूर्ण तकनीक बसों और टैक्सियों में लगाई जाएंगी वो पैनिक बटन है। पैनिक बटन एक तरह का अलर्ट बटन है जो परिवहन विभाग और पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़ा रहेगा। कोई यात्री जैसे ही इस बटन को दबाएगा तो इसकी सूचना परिवहन विभाग और पुलिस को हो जाएगी। और वे यात्री की सुरक्षा के लिए जीपीएस से टैक्सी को ट्रैक करके वहां पहुंच जाएगी।
नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Twitter, व Google News पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।