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स्वामी विवेकानंद से देश को एकता के सूत्र में बांधने की शिक्षा ले युवा : PM मोदी

राष्ट्रीय युवा दिवस पर युवाओं को संबोधित करते हुए स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि विवेकानंद ने जो देश के लिए किया, वो सदा याद किया जाएगा।

स्वामी विवेकानंद से देश को एकता के सूत्र में बांधने की शिक्षा ले युवा : PM मोदी

राष्ट्रीय युवा दिवस पर युवाओं को संबोधित करते हुए स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि विवेकानंद ने जो देश के लिए किया, वो सदा याद किया जाएगा। मोदी ने कहा कि पश्चिम ने भारत के खिलाफ ना जाने कितना प्रोपेगेंडा किया लेकिन स्वामी विवेकानंद ने सबको गलत साबित किया। उन्होंने कहा कि आज भी बहुत से लोगों ने देश की एकता को तोड़ने की कोशिश की लेकिन युवाओं ने उन्हें जवाब दिया। 

विवेकानंद ने दुनिया की भारत के लिए सोच बदली -

मोदी ने कहा कि दुनिया के सामने खड़ा होकर स्वामी विवेकानंद ने कहा कि गर्व से कहो मैं भारतीय हूं, उन्होंने जो 125 साल पहले कहा, उसे आज भी समझने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने दुनिया के सामने दिखाया कि भारत क्या है। PM मोदी ने बताया कि विवेकानंद के जन्म के 100 साल होने पर शिकागो में हुए कार्यक्रम में भी उन्हें रहने का सौभाग्य मिला था और आज वो बतौर PM स्वामी जी पर हो रहे कार्यक्रम में आए हैं।

स्वामी विवेकानंद से सीखें युवा -

PM मोदी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं को स्वामी विवेकानंद से सीखने की जरूरत है कि कैसे दुनिया के सामने अपनी परंपराओं पर और अपने देश पर गर्व किया जाए। PM ने कहा कि भारत को लोग जब नटों और सपेरों का देश कहते थे, तब जो विवेकानंद ने शिकागो में खड़े होकर दुनिया के सामने कहा उसने दुनिया का रुख बदल दिया।

योगी को बताया ट्विटर का मास्टर  -

नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये युवा महोत्सव को संबोधित करते हुए UP के CM योगी आदित्यनाथ की भी तारीफ भी की। PM ने कहा कि योगीजी भी कम खिलाड़ी नहीं हैं। कई राज्यों में बहुत लोगों के साथ हमारे योगीजी ट्विटर-ट्विटर का खेल खेल रहे हैं और ट्विटर के खेल में भी अच्छे-अच्छे खिलाड़ियों को उन्होंने परास्त करके रख दिया है। प्रधामनंत्री ने अपने संबोधन में महोत्सव की थीम 'संकल्प से सिद्धि' को भी समझाय। 

उन्होंने कहा कि हमने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा तो नहीं लिया, लेकिन उन सपनों को पूरा करने की जिम्मेदारी हमारी है जिन्हें आजादी के दीवानों ने देखा था। जब हम उस सपने को देखेंगे और जिएंगे तो उसका संकल्प लेना भी आसान होगा।

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