
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज 1 जुलाई को अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस खास मौके पर सुबह से ही देशभर से उन्हें बधाइयां मिलनी शुरू हो गई हैं। शुभकामनाएं देने वालों में राजनीति के तमाम दिग्गज नेता भी शामिल हैं।
सीएम योगी ने दी शुभकामनाएं
राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) के ज़रिए अखिलेश यादव को जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने लिखा,
"उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई!"
इस बधाई का जवाब खुद अखिलेश यादव ने बेहद विनम्रता से दिया। उन्होंने लिखा,
"आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
इस छोटे से सार्वजनिक संवाद ने एक बार फिर दोनों नेताओं के राजनीतिक संबंधों को चर्चा में ला दिया है। ज्ञात हो कि योगी और अखिलेश के बीच राजनीतिक मतभेद लंबे समय से चले आ रहे हैं और दोनों की पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ अक्सर मुखर रहती हैं।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का ट्वीट
मुख्यमंत्री योगी के अलावा उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी अखिलेश यादव को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा,
"सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! भगवान प्रभु श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण और देवों के देव महादेव की कृपा से आपका स्वास्थ्य उत्तम और आप दीर्घायु हों।"
मायावती ने भी दी बधाई
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी अखिलेश यादव को जन्मदिन पर बधाई दी। उन्होंने कहा,
"समाजवादी पार्टी के प्रमुख एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में सांसद अखिलेश यादव को उनके जन्मदिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।"
अखिलेश यादव का राजनीतिक सफर
1 जुलाई 1973 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई कस्बे में जन्मे अखिलेश यादव ने विदेश से पढ़ाई पूरी करने के बाद राजनीति में कदम रखा। वे समाजवादी पार्टी के संस्थापक और अपने पिता मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
अखिलेश यादव वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने। इससे पहले वे लगातार तीन बार कन्नौज से सांसद रह चुके हैं। 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा को बहुमत मिला और 15 मार्च को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा को करारी हार का सामना करना पड़ा और भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की सत्ता संभाली। वर्ष 2022 में भी समाजवादी पार्टी सत्ता में वापसी नहीं कर सकी, लेकिन अखिलेश अब भी विपक्ष के एक मजबूत नेता के रूप में सक्रिय हैं।
अखिलेश यादव के 52वें जन्मदिन पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से मिल रही शुभकामनाएं इस बात का संकेत हैं कि निजी अवसरों पर सियासी गर्मी थोड़ी ठंडी हो जाती है। आने वाले समय में क्या ये संवाद किसी राजनीतिक समीकरण की नींव रखेगा या सिर्फ औपचारिकता भर रहेगा, ये देखना दिलचस्प होगा।
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