पटना : बिहार में लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के सियासी गहमागहमी के बीच जदयू की मंगलवार को अहम बैठक शुरू हो गई है। यह बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि लालू प्रसाद के ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी के बाद से अब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है। जदयू ने भी लालू के समर्थन में कोई बात नहीं कही है। महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस ने जरूर राजद का समर्थन किया है और एकजुटता की अपील की है। इससे पहले सोमवार को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी विधायकों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में फैसला हुआ कि तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे। बैठक में राष्ट्रपति चुनावों को लेकर भी चर्चा की गई। देश में मौजूदा हालात पर चर्चा की गई।
छापेमारी के 4 दिन बाद पटना लौटे नीतीश
नीतीश कुमार रविवार को 4 दिन बाद राजगीर से वापस आ गए। लेकिन नीतीश कुमार की बिगड़ी तबीयत की वजह से सोमवार को आयोजित होने वाले लोक संवाद कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया था। नीतीश के राजगीर से पटना लौटने पर बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बुखार से अस्वस्थ रहने के कारण आगामी 10 जुलाई को आयोजित होने वाला लोक संवाद कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया।
महागठबंधन पर मंडरा रहा खतरा
आपको बता दें कि लालू यादव पर करप्शन के आरोप और उन पर सीबीआई एवं ईडी की कार्रवाई के बाद जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस का महागठबंधन खतरे में दिखने लगा है। तमाम अटकलों के बीच सोमवार को जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने लालू प्रसाद का खुलकर बचाव किया। उन्होंने लालू यादव और उनके परिवार पर हुए सीबीआई छापों को बदले की कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा कि ये सीधे तौर भाजपा के खिलाफ महागठबंधन को आगे बढ़ने से रोकने की कार्रवाई है।
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