ऑस्ट्रेलिया की एक कोर्ट ने अपने सात बच्चों और एक भतीजी की चाकू घोंपकर हत्या करने वाली महिला को सज़ा ना देने का ऐलान किया है कोर्ट ने कहा कि महिला को मुक़दमे का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि जिस वक़्त महिला ने इस अपराध को अंजाम दिया तब वो दिमागी असंतुलन से गुज़र रही थी कोर्ट ने इस मामले में बीते महीने ही फैसला सुना दिया था जिसे अब सार्वजनिक किया गया है |इस मामले में अब तक ये साफ नहीं हो सका है कि ब्रिसबेन के हाई-सिक्योरिटी जेल में क़ैद 40 वर्षीय रैना थाईडे को सामाजिक जीवन जीने की अनुमति मिलेगी या नहीं कैंर्न्स शहर में इस हादसे में मारे गए बच्चों की याद में घटनास्थल को तोड़कर एक पार्क में तब्दील कर दिया गया है|
फोरेंसिक़ मनोचिकित्सिक़ डॉ. जेन फिलिप्स ने कोर्ट को बताया है "उसने एक पक्षी की आवाज़ सुनी और इसे संदेश मानकर अपने बच्चों को शैतान से बचाने के लिए उनकी हत्या कर दी" थाईडे को खुद को और अपने परिवार को शैतान से आज़ाद करने पर आमादा थी मनोचिकित्सक डॉ. वर्गीज ने कहा कि थाईडे को लग रहा था कि दुनिया खत्म होने वाली है शायद इसी वजह से उसने ये क़त्ल कर दिए ये अपने आप में भयभीत करने वाला मामला है |
उन्होंने कहा है कि ये सीज़्रोफ्रीनिया से जुड़ा मामलों में सबसे खराब मामला है जज जीन डाल्टन ने इस मामले पर कहा है कि इस बात के पूरे साक्ष्य मौजूद हैं जिनके आधार पर ये कहा जा सकता है कि थाईडे हत्या के वक्त अपनी भावनाओं पर काबू नहीं पा सकीं इस मामले का पता तब चला जब रैना थाईडे के बड़े बेटे लेविस वारिया ने उन्हें ज़ख़्मी हालत में पाया थाईडे ने ख़ुद पर चाकू से 35 वार किया |
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