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SCO Summit 2025: चीन संग 6 साल बाद बनी बातचीत, SCO सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने दी भारत को बड़ी खुशखबरी

SCO Summit 2025: भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 6 साल के लंबे अंतराल के बाद चीन के साथ महत्वपूर्ण बातचीत की। यह बातचीत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान चिंगदाओ शहर में हुई।

SCO Summit 2025: चीन संग 6 साल बाद बनी बातचीत, SCO सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने दी भारत को बड़ी खुशखबरी

SCO Summit 2025: भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 6 साल के लंबे अंतराल के बाद चीन के साथ महत्वपूर्ण बातचीत की। यह बातचीत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान चिंगदाओ शहर में हुई। इस दौरान एक बड़ा फैसला लिया गया, जिसके तहत कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होगी। यह यात्रा लगभग छह सालों के बाद फिर से शुरू हो रही है, जो भारत और चीन के बीच सकारात्मक संवाद का प्रतीक है।

राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर इस विषय को लेकर जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, "चिंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डॉन जून से संवाद हुआ। इस बैठक में द्विपक्षीय मुद्दों पर रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों का आदान-प्रदान किया गया। हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि लगभग छह सालों के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होगी।"

इसके अलावा, राजनाथ सिंह ने रूस और बेलारूस के रक्षा मंत्रियों से भी मुलाकात की। इन द्विपक्षीय बैठकों में क्षेत्रीय सुरक्षा खतरों और रक्षा सहयोग पर गहरी चर्चा हुई। राजनाथ सिंह ने इस मुलाकात को लेकर भी एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, "चिंगदाओ में बेलारूस के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल विक्टर ख्रेनिन के साथ सकारात्मक बातचीत हुई।" इससे पहले, उन्होंने रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव से भी मुलाकात की और दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में दीर्घकालिक और व्यापक सहयोग पर चर्चा की।

भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में गहरे और दीर्घकालिक सहयोग संबंध हैं, जो दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की अध्यक्षता में आईआरआईजीसी-एम एंड एमटीसी तंत्र के जरिए सशक्त किया जाता है।

इस बैठक का परिणाम यह दर्शाता है कि भारत और चीन के बीच रक्षा क्षेत्र में अब एक नई दिशा में सकारात्मक संवाद स्थापित हो रहा है, जबकि रूस और बेलारूस के साथ भारत के रिश्ते और भी प्रगाढ़ हो रहे हैं। यह भारत की विदेश नीति और रक्षा सहयोग में एक अहम कदम है।

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