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Rupee vs Dollar: भारतीय रुपये की बढ़त, अमेरिकी डॉलर हुआ कमजोर, जानिए आज कितना मजबूत हुआ रुपया

Rupee vs Dollar: वेस्ट एशिया में सीजफायर के बाद शांति का माहौल और भारतीय बाजारों में सकारात्मक रुझान के चलते, भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूत हो रहा है।

Rupee vs Dollar: भारतीय रुपये की बढ़त, अमेरिकी डॉलर हुआ कमजोर, जानिए आज कितना मजबूत हुआ रुपया

Rupee vs Dollar: वेस्ट एशिया में सीजफायर के बाद शांति का माहौल और भारतीय बाजारों में सकारात्मक रुझान के चलते, भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूत हो रहा है। इस सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को रुपया 23 पैसे और मजबूत होकर 85.49 प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से 19 पैसे की बढ़त को दर्शाता है।

रुपया मजबूत, डॉलर थोड़ा कमजोर

विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले कुछ दिनों से लगातार मजबूत हो रहा है। वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी और डॉलर के थोड़े मजबूत होने से रुपये की तेज बढ़त में कमी आई है, लेकिन फिर भी रुपया 85.49 के स्तर पर मजबूती के साथ खड़ा है।

इंटरबैंकिंग फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में शुक्रवार को रुपया 85.50 पर खुला, और फिर 85.49 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। वहीं, डॉलर इंडेक्स (जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति को दर्शाता है) में 0.10 प्रतिशत की बढ़त आई और यह 97.24 पर पहुंच गया।

भारतीय शेयर बाजार की मजबूती

भारतीय शेयर बाजार भी सकारात्मक रुझान दिखा रहे हैं। सेंसेक्स में शुरुआती कारोबार के दौरान 229.22 प्वाइंट की बढ़त आई और यह 83,985.09 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी में भी 73.5 प्वाइंट की बढ़त दर्ज की गई और यह 25,622.50 पर पहुंच गया।

ब्रेंट क्रूड के दाम में भी 0.47 प्रतिशत की उछाल आई और वह 68.05 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बना रहा। शेयर बाजार के डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) लगातार भारतीय शेयरों में निवेश कर रहे हैं और गुरुवार को उन्होंने शुद्ध रुप से 12,594.38 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

विशेषज्ञों की राय

HDFC सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार का कहना है कि रुपये और शेयरों में मजबूती के मुख्य कारण हैं – अमेरिकी डॉलर सूचकांक में कमजोरी और आईपीओ के जरिए डॉलर में निवेश का बढ़ना। अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं के कारण डॉलर सूचकांक तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है, जिससे भारतीय रुपया मजबूत हो रहा है।

वर्तमान में भारतीय रुपये की मजबूती का मुख्य कारण विदेशी निवेश और पॉजिटिव स्टॉक मार्केट सेंटिमेंट्स हैं। हालांकि, वैश्विक स्तर पर क्रूड की कीमतों में उतार-चढ़ाव और डॉलर की हल्की मजबूती ने रुपये की बढ़त में थोड़ी कमी कर दी है, लेकिन फिर भी यह लगातार मजबूत हो रहा है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

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